मैंने `दोपहर का सामना’ विकास दर को लेकर छपी खबर पढ़ी। मैं यह देखकर चौंक गया कि विकास दर तीन महीने में ३.७ प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। इस वजह से उद्योग-धंधों की कमर टूट गई है। इस खबर में सही लिखा गया है कि उद्योग विकास से ही देश के विकास की गणना होती है। अपने ९ वर्ष के कार्यकाल में मोदी ने अर्थव्यवस्था के सुद्दढ़ होने का खूब ढिंढोरा पीटा, लेकिन अब उनकी पोल खुल गई है।
– रमेश पाल, तिलक नगर
शिंदे से दादा ने बनाई दूरी!
जब से अजीत पवार अपने समर्थकों के साथ `ईडी’ सरकार में शामिल हुए हैं, तब से शिंदे की हवा निकलती दिखाई दे रही है। अजीत पवार और फडणवीस के बीच बढ़ रही नजदीकियां अब तो खुलेआम दिखाई देने लगी हैं। इसी तरह यह भी देखा जा रहा है कि शिंदे और अजीत पवार के बीच दूरियां बढ़ती ही जा रही हैं। `दोपहर का सामना’ में १५ अगस्त को छपी एक खबर के अनुसार, ऐसा ही एक नजारा म्हाडा लॉटरी के कार्यक्रम में देखने को मिला, जहां लोगों ने इस दूरी को नोटिस किया। अब थोड़े ही दिनों में इस नाराजगी का अंजाम भी देखने को मिल सकता है!
– संजय गोडणेले, घाटकोपर