मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनापाठकों की रचनाएं : भाषा और विचार का

पाठकों की रचनाएं : भाषा और विचार का

कौन गिराया मान।
सर्वे करके देखिए।
हो जाएगा ज्ञान।।

कौन कहां पर क्या कहा।
देखो करो विचार।।
सच्चाई पर कब किया।
किसने कितना वार।।

गरिमा गिरता देखकर।
रोते रहे सुजान।।
फिर भी बढ़ता ही रहा।
अंधों का सम्मान।।

कुर्सी की महिमा गई।
गया उचित व्यवहार।।
नफरत ने है कर लिया।
नासमझी से प्यार।।

कई दिनों से चल रहा।
गिरा हुआ व्यवहार।
सब के सब शामिल हुए।
जैसे हो त्योहार।।

धरती व्याकुल हो गई।
व्याकुल हुए अमीर।
लालच ने पहना दिया।
पैरों में जंजीर।।
-अन्वेषी

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