कर्ज तेरा है मेरे जीवन पर
ए मां सलाम तुझे,
मां की ममता की गाथा
जितनी गाएं वो लगतीं कम उतनी,
तेरा रहा न्यौछावर तन मन पर,
अपने बच्चों की खातिर ही,
सांसे है महफूज गर तो
मां तेरे ही तो कारण ही,
नमन तेरी ममता पर है
और सलाम त्याग को तेरे,
अपने उच्च विचारों से तूने
लाडलों को अपने ऊंचा मुकाम दिया,
एहसान चुका न पांऊगा तेरा
ए प्यारी मां सलाम तुझे !
गर्भ काल की हर तकलीफ को
हिम्मत से तूने खाक किया,
जीवन की हर पीड़ा को
हंसते हंसते सह लिया,
अदम्य साहस से वाकिफ हैं
मानव की समस्त कौम सभी,
अचम्भित है तेरे हाड मॉस से
प्रकृति मे विद्यमान गण सभी,
इक जन्म भी कम है मेरा
त्याग तेरे का हिसाब चुकाने में,
त्याग ममता से ही संभव
जीत जीवन यात्रा मे हर कदम,
धन्य है मां महान,
आंचल में सुंदर पाठ पढाया जिसने,
एहसान चुका न पांऊगा तेरा
ए प्यारी मां सलाम तुझे!
-मुनीष भाटिया
कुरुक्षेत्र