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मरीजों के परिजन होते हैं परेशान : पार करनी पड़ती है सवालों की लक्ष्मण रेखा! …रामभरोसे जेजे अस्पताल का कामकाज

• सुरक्षारक्षकों पर दुर्व्यवहार का आरोप
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र की सत्ता पर बीते आठ महीनों से `ईडी’ सरकार काबिज है। इस सरकार में अधिकारी और कर्मचारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं, जिस पर सरकार का नियंत्रण नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में सुविधाओं का लाभ लेने पहुंच रही जनता के साथ ये सुरक्षारक्षक दुर्व्यवहार कर रहे हैं। कुछ यही स्थिति राज्य सरकार द्वारा संचालित जेजे अस्पताल का है। यहां महाराष्ट्र सुरक्षा मंडल के सुरक्षाकर्मी खुद को पुलिसवालों से कम नहीं समझ रहे हैं। आरोप लग रहा है कि इन्हें अस्पताल प्रशासन का साथ मिला हुआ है। सुरक्षाकर्मियों की इस दादागीरी से मरीजों के परिजन परेशान हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि अस्पताल में हर रोज तीन से चार हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। इन मरीजों का इलाज करने के लिए करीब ९०० निवासी डॉक्टर सेवा दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों का इलाज कर रहे चिकित्सकों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो साथ ही अस्पताल की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र सुरक्षा मंडल में कार्यरत सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। हालांकि, इन सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल प्रशासन का सह मिला हुआ है, जिस कारण वे अस्पताल में आनेवाले मरीजों और उनके परिजनों पर अपना धौंस दिखाते हैं। कभी-कभी तो यह धौंस हाथापाई तक पहुंच जाती है। यदि इनमें से कोई मामला अस्पताल प्रशासन तक पहुंचता है तो भी इसे दबा दिया जाता है। अस्पताल में कार्यरत एक कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह लभभग रोज की बात हो गई है। कर्मी ने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सुरक्षा मंडल के सुरक्षाकर्मियों के बेलगाम होने की देन खुद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय सुरासे हैं। उनके कहने पर ही सुरक्षाकर्मी इस तरह का मरीजों के साथ व्यवहार करते हैं।

बाहर का रास्ता दिखा देते हैं
कुछ महीने पहले ईएनटी वॉर्ड में सर्जरी कराने के लिए भर्ती रेखा के पति मुन्ना चौहान ने बताया कि अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि मरीज के पास जाने के पहले इनके बेमतलब के सवालों की लक्ष्मण रेखा पार करनी पड़ती है। ऐसे में यदि कोई परिजन इसका विरोध करता है तो उन्हें अंदर न छोड़ने का धौंस दिया जाता है। इस बीच कोई परिजन जबरन जाने की कोशिश करता है तो उसके हाथ पकड़कर बाहर कर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इससे परिजन परेशान हो चुके हैं। हालांकि, अस्पताल में गरीब घर से संबंध रखने वाले मरीज इलाज के लिए आते हैं इसलिए वे शिकायत भी नहीं कर पाते हैं।
सुरक्षा घेरे में डीन और चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय
एक अन्य मरीज के परिजन ने बताया कि डीन और चिकित्सा अधीक्षक का कार्यालय पूरी तरह से सुरक्षाकर्मियों के सुरक्षा घेरे में है। ऐसे में यदि कोई परिजन फरियाद लेकर दोनों कार्यालयों में जाना भी चाहता है तो उसे बीच में ही रोक दिया जाता है। इससे परेशान होकर वह वापस लौट जाता है।

मामले की करेंगे जांच
इस संदर्भ में जब जेजे अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय सुरासे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सुरक्षारक्षक दायरे में रहकर ही अपनी सेवा का निर्वहन कर रहे हैं। हालांकि, यदि किसी मरीज के साथ इस तरह का व्यवहार हुआ होगा तो जरूर इसकी जांच की जाएगी और संबंधितों पर उचित कार्रवाई होगी। दूसरी तरफ इसको लेकर महाराष्ट्र सुरक्षा मंडल के संबंधित अधिकारियों से उनके फोन नंबर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

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