गाड़ियों की न जांच, न ‘फेस रीडिंग’, गेट पर रोका तो विधायक भड़के
सामना संवाददाता / मुंबई
मंत्रालय में अनावश्यक भीड़ को कम करने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम शुरू किया गया है। इसके बावजूद कल की वैâबिनेट बैठक के दिन मंत्रालय में भारी भीड़ थी। विधायकों की गाड़ियां और उनमें आने वाले कार्यकर्ताओं को मंत्रालय तक सीधा प्रवेश मिल रहा था। गेट पर खड़ी पुलिस ने एक विधायक का फेस रीडिंग मैच न होने के कारण उन्हें रोकने की कोशिश की। हालांकि, विधायक जी को जब कार्यकर्ताओं के सामने रोका गया तो भड़क गए। साथ ही नाराज विधायक ने हंगामा शुरू कर दिया। आखिरकार, पुलिस ने नरमी दिखाई और विधायक को मंत्रालय में घुसने दिया।
मंत्रालय ने हाल ही में फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम शुरू किया है। इस प्रणाली के पहले दिन सोमवार को काफी अफरा-तफरी मची रही। कल वैâबिनेट की बैठक हुई इसलिए राज्य के सभी कोनों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मंत्रालय में आए थे। इससे संपूर्ण मंत्रालय प्रणाली पर भारी दबाव पड़ा। सबसे ज्यादा भीड़ उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के छठे मंजिल पर स्थित कार्यालय के बाहर थी। छठी मंजिल पर चलने के लिए जगह नहीं थी। महिला व बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे के कार्यालय के बाहर भी बड़ी संख्या में `लाडली बहनें’ मौजूद थीं। अन्य मंत्रियों के कार्यालयों पर भी भीड़ थी।
आईटी अधिकारियों की तलाशी
एफआरएस के कारण हुई इस अव्यवस्था को लेकर सचिवों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस गड़बड़ी के लिए सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों से जवाब-तलबी की गई।
पास पाने के लिए कतार में खड़ी थी आम जनता
आम जनता पास पाने के लिए कतारों में खड़ी थी, लेकिन शाम के बाद विधायकों की गाड़ियां सीधे मंत्रालय में प्रवेश कर रही थीं। शाम साढ़े पांच बजे के बाद विजिटर पास जारी नहीं किए जाते, लेकिन तब भी कई विधायक कार्यकर्ताओं के साथ मंत्रालय में प्रवेश कर रहे थे। उनके साथ कार में बैठे कार्यकर्ताओं की कोई पहचान नहीं की गई। एक विधायक कार्यकर्ताओं के साथ मंत्रालय आए। चूंकि उनका `फेस रीडिंग’ नहीं हुआ था, इसलिए गेट पर लगा स्वचालित `फ्लैप बैरियर’ नहीं खुला। ऐसे में पुलिस ने उन्हें अंदर प्रवेश करने से रोक दिया। इससे विधायक नाराज हो गए। हालांकि, उनके हंगामे के बाद पुलिस वालों ने विधायक और उनके कार्यकर्ताओं को मंत्रालय में जाने दिया।