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ईडी के रिटायर निदेशक को मिला ५० दिनों का पावर…विपक्षी राज्यों में एजेंसी की कार्यवाही तेज होने का अंदेशा!

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
ईडी के निदेशक एस के मिश्रा के विवादास्पद कार्यकाल पर फाइनल विराम लग गया है। अब वे ५० दिनों तक और ईडी प्रमुख बने रहेंगे। ऐसे में अंदेशा है कि अब विपक्ष शासित राज्यों में ईडी की कार्यवाही तेज हो जाएगी। हालांकि, इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनके तीसरे एक्सटेंशन को अवैध बताते हुए उसे आगामी ३१ जुलाई तक सीमित कर दिया था, पर कल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील रखी, जिसपर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने १५ सितंबर की डेड लाइन तय कर दी। हालांकि, इस दौरान जस्टिस बीआर गवई ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि आखिर इस एक व्यक्ति में ऐसा क्या है, जिसके बिना सरकार चल नहीं सकती?
बता दें कि पूर्व में केंद्र सरकार संजय मिश्रा को तीन बार एक्सटेंशन दे चुकी है। इसे देखते हुए राजनीतिक गलियारों में ऐसी भी चर्चा सुनने को मिल जाती है कि अगर केंद्र का बस चलता तो वह मिश्रा के लिए आजीवन ईडी चीफ का पद आरक्षित कर देती। मिश्रा को पहली बार १९ नवंबर २०१८ को दो साल की अवधि के लिए ईडी चीफ नियुक्त किया गया था।
बता दें कि संजय मिश्रा को नवंबर, २०२० में पद छोड़ना था, लेकिन इससे पहले मई में वे ६० साल यानी रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच गए थे। ईडी चीफ का कार्यकाल दो वर्षों का होता था, पर नवंबर २०२० में केंद्र ने इसे बढ़ाकर तीन साल कर दिया, जिससे उन्हें एक साल का एक्सटेंशन स्वत: मिल गया था। इसके बाद दूसरी बार नवंबर २०२१ में एक साल का अध्यादेश लाकर उनको एक्सटेंशन दे दिया गया। तीसरी बार नवंबर २०२२ में उन्हें एक साल का फिर से एक्सटेंशन दे दिया गया था, इसके मुताबिक, उनका कार्यकाल १८ नवंबर २०२३ को खत्म होना था, जिसे जस्टिस गवई ने अवैध माना।

एक्सटेंशन की टाइमलाइन
पहला : नवंबर २०२० में (१ साल)
दूसरा : नवंबर २०२१ में (१ साल)
तीसरा : नवंबर २०२२ में (१ साल)
सुप्रीम कोर्ट ने किया : १५ सितंबर तक

विपक्ष के खिलाफ केंद्र का `हथियार’
केंद्र सरकार विपक्ष के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल अपने ‘हथियार’ के रूप में करती आ रही है। संजय मिश्रा इसके लिए उपर्युक्त अधिकारी हैं, इसलिए बारबार उनका कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है। पिछले कुछ समय में दिल्ली, बिहार, यूपी, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, राजस्थान, पंश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में विपक्ष के खिलाफ ईडी का केंद्र ने काफी ज्यादा दुरुपयोग किया है। अब आगामी महीनों में राजस्थान, एमपी, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्र सरकार संजय मिश्रा के जरिए वहां विपक्ष को प्रताड़ित करने का खेल खेलना चाहती थी। हालांकि, अभी भी वे ५० दिनों तक अपने पद पर रहेंगे, ऐसे में आशंका है कि इस दौरान वे विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ अपनी दमनात्मक कार्रवाई जारी रख सकते हैं।

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