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भुखमरी के हालत में हैं बदलापुर के रिक्शाचालक

अनिल मिश्रा / बदलापुर
बदलापुर जैसे छोटे से शहर में इतने रिक्शाचालकों को परमिट दिए गए हैं कि रिक्शा चालकों को प्रवासी ही नहीं मिल रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रिक्शाचालक थे। उनके मुख्यमंत्री बनने से रिक्शाचालकों में सबसे अधिक खुशी थी कि वे उनकी समस्या को सुनेंगे और उसे खत्म करेंगे, क्योंकि रिक्शाचालकों का दर्द उन्हें पता है कि वैâसे रिक्शाचालक कड़ी धूप, ठंडी, बरसात में प्रवासी के लिए तंग रहता है। बार-बार निवेदन देकर रिक्शा चालकों के दर्द को मुख्यमंत्री ने नहीं सुना। आज पूरे महाराष्ट्र के रिक्शा चालक परमिट ओपन करने से आर्थिक रूप से तंग हैं। रिक्शाचालक को घंटों ग्राहक अर्थात प्रवासी के इंतजार में खड़ा रहा पड़ता है। आज ६०० रुपए कमाना कठिन हो गया है, जिससे रिक्शाचालक के परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।

रिक्शाचालकों के सामने लोन, फिर कोरोना महामारी में कुछ महीने तक का हफ्ता न भर पाने के चलते पठानी ब्याज लिया जा रहा है। बजाज फाइनेंस वालों ने तो सैकड़ों वसूली के लिए लठैतों की नियुक्ति कर रखी है। जो रिक्शाचालक रेपो ब्याज नहीं भर पाते हैं, उन पर डाकू की तरह से झपटते हैं। जगह पर ब्याज नहीं भरने पर रिक्शा जप्त कर १६ दिन में रिक्शा को बेच देते हैं। रिक्शा चालक को रोजी-रोटी के लिए घर में पत्नी के आभूषण तक बेचना पड़ रहा है।

शहर में सड़क की दशा काफी खराब हो चुकी है। सड़कों पर डेढ़ से दो फुट के खड्ढे बन गए हैं। इतना ही नहीं जगह-जगह पर ब्रेकर बना दिए गए हैं। उसके कारण मेंटेनेंस काफी निकल रहा है। हर साल पासिंग के समय गाड़ी मेंटेनेंस पीयूसी, रोड टैक्स के अलावा अन्य टैक्स के रूप में देना पड़ता है। महंगाई चरम पर है। परमिट बंद न करने के कारण रिक्शा की भरमार हो गई है।

बदलापुर-पूर्व के रिक्शाचालक मालक संघ के अध्यक्ष किशोर रामचंद्र देशमुख का कहना है कि सरकार को चाहिए कि परमिट बंद करे। सारे समस्या की जड़ आज बदलापुर में ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में परमिट है। बजाज फाइनेंस को चाहिए कि रिक्शाचालकों, प्रवासियों के साथ बदसलूकी करने की बजाय रिक्शा की किश्त को जितने महीने नहीं भरा है, उस किस्त को आगे बढ़ा देना चाहिए। आज बदलापुर में पांच हजार रिक्शा हो गए हैं। इनमें कई रोजगार हैं। फिर भी कई रिक्शा निकाल रखे हैं। रोजगारवालों को रिक्शा के कारण बेरोजगार रिक्शा चालक परेशान हैं। एक लाख अस्सी हजार का रिक्शा तीन लाख में पड़ जाता है। बजाज फाइनेंस से बदलापुर के ३० प्रतिशत रिक्शाचालक परेशान हैं। कोकण विभागीय यूनियन ने मुख्यमंत्री तक को समस्या की सूची भेजी है परंतु कभी रिक्शाचालक रहे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किसी भी तरह की रिक्शाचालकों की समस्या का समाधान नहीं निकाला।

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