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मनपा की तिजोरी में ‘डाका’! … एक साल में निकाले गए  रु. ६ हजार करोड़

९२ हजार करोड़ का जमा
८६ हजार करोड़ तक फिसला
सामना संवाददाता / मुंबई
देश की सबसे समृद्धशाली मुंबई महानगरपालिका की तिजोरी में ‘डाका’ पड़ने लगा है। जानकारी के मुताबिक, मुंबई मनपा विकास योजनाओं के नाम पर विभिन्न बैंकों में जमा अपने फिक्स डिपॉजिट (एफडी) तोड़ रही है। पिछले एक साल में मनपा ने एफडी से ६,००० करोड़ रुपए निकाले हैं। मार्च २०२२ में ९२ हजार करोड़ रुपए एफडी थी, जो मार्च २०२३ में घटकर ८६ हजार करोड़ रुपए रह गई है। मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि २०२३-२४ के आर्थिक वर्ष में १५,६५७ करोड़ रुपए बुनियादी सुविधाओं के लिए तय किए गए हैं। एफडी का इस्तेमाल इन्हीं सुविधाओं के लिए किया जा रहा है।
मनपा वित्त विभाग के अनुसार, सर्वाधिक ब्याज देनेवाले बैंकों में पैसे जमा किए गए हैं। इसका इस्तेमाल मनपा के खर्च और पेंशन पर किया जाता है। साथ ही, विभिन्न विकास योजनाओं के लिए भी उपयोग होता है। अधिकारी ने कहा कि एफडी में ठेकेदारों की तरफ से जमा गारंटी राशि भी शामिल है।

यहां हुआ एफडी का इस्तेमाल
पिछले कुछ वर्षों से एफडी का एक हिस्सा विकास परियोजनाओं के लिए आरक्षित किया जा रहा है, इसमें कोस्टल रोड प्रोजेक्ट, गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड, सीवरेज प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं के लिए फंड निकाला जा रहा है।

पिछले साल खर्च किए ७,७५६ करोड़
जैसे-जैसे मनपा की एफडी हर साल बढ़ती जाती है, यह राशि भी बढ़ती जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में विकास कार्यों के नाम पर ७,७५६ करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, जबकि इस वर्ष अब तक लगभग ६ हजार करोड़ निकाले जा चुके हैं।

पीएम मोदी ने दिया था सुझाव
जनवरी २०२३ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई यात्रा के दौरान मनपा के ८८ हजार करोड़ की एफडी को विकास कार्यों के लिए उपयोग करने का सुझाव दिया था। इसके बाद फरवरी में पेश मनपा के बजट में विभिन्न परियोजनाओं के लिए आरक्षित निधि से १२,७७६ करोड़ रुपए की राशि निकालने की बात कही गई। इसके अलावा, यह भी कहा गया कि ५,९७० करोड़ की धनराशि अस्थायी रूप से आंतरिक ऋण के रूप में ली जाएगी।

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