सामना संवाददाता / बागपत
यूपी में भाजपा की योगी सरकार में सरकारी ‘तिजोरी’ पर एक बार फिर डाका डाला गया है। बागपत जनपद की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार देने के लिए सहारा कलस्टर को भेजी गई धनराशि लगभग ४४ लाख रुपए बैंक खाते से गायब हो गए हैं। पूर्व अधिकारियों के कलस्टर से हटने के बाद इतनी बड़ी धनराशि गायब होना कई सवाल खड़े करती है।
बता दें कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को आत्मनिर्भर और उन्हें रोजगार दिलाने के लिए तमाम योजनाएं चला रखी हैं। इन्हीं में आजीविका मिशन योजना के तहत गांवों में स्वयं सहायता समूह बना रखे हैं। इनकी मदद के लिए ग्राम संगठन और कलस्टर बनाया गया है। गांवों की महिलाओं को अधिक से अधिक रोजगार प्राप्त हो और वे खुद के पैरों पर खड़ी होकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें, इसके लिए सरकार कलस्टर में धनराशि भेजती है, ताकि जरूरत पड़ने पर कलस्टर ग्राम संगठन ओर स्वयं सहायता समूह को भेज सके। लेकिन अब अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते कलस्टर में सरकार द्वारा भेजी गई धनराशि में हेरा-फेरी होने लगी है। हाल में बड़ौत ब्लाक के सहारा कलस्टर से तकरीबन ४४ लाख रुपए की धनराशि बिना अधिकारियों के संज्ञान में आए १४ ग्राम संगठनों में ट्रांसफर कर दी।
सदस्यों और पदाधिकारियों को नोटिस
मामला पकड़ में आया तो विभागीय अधिकारियों ने कलस्टर की सदस्यों और पदाधिकारियों से पूरा रिकॉर्ड जमा कराने का नोटिस भेजा है, जिसमें बुक्स ऑफ रिकार्डस, चैक पुस, पासबुक जमा कराने के लिए कहा गया है, ताकि यह जानकारी हासिल हो सके की किसने यह धनराशि ग्राम संगठन के खाते में ट्रांसफर की और किसी उद्देश्य से की। क्योंकि फिलहाल कलस्टर में नए अध्यक्ष, सचिव ओर कोषाध्यक्ष का चयन होना है, इसलिए कलस्टर के खाते में धनराशि होना अति आवश्यक है।