राजेश जायसवाल / मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में मिड-डे मील (एमडीएम) योजना के तहत स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की एक गंभीर मामले का भंडाफोड़ हुआ है। यह घटना एक बड़े घोटाले की ओर इशारा करती है। यहां विद्यार्थियों को दिए जाने वाले भोजन, खासतौर पर दाल-खिचड़ी के अनाज की खुलेआम चोरी कर कालाबाजारी करने का आरोप धारावी की एक महिला संस्था पर लगा है। यह मामला धारावी स्थित ‘भारती महिला औद्योगिक उत्पादक सहकारी संस्था’ से जुड़ा है। इसकी संचालिका भारती जाधव पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी योजना का दुरुपयोग करते हुए मिड-डे मील के खाद्य सामग्री को अनाधिकृत तरीके से अन्यत्र ले जाने का प्रयास किया।
मामला १८ जनवरी दोपहर का है, जब विनोद अशोक दोईफोडे ने १०० नंबर पर कॉल कर पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की तहकीकात कर सबूतों के आधार पर पुलिस पंचनामा तैयार किया। मामले की जांच की जिम्मेदारी धारावी पुलिस ठाणे के एपीआई जाधव को सौंपी गई है, जो अब आगे की कार्रवाई कर रहे हैं। दोईफोडे ने बताया कि जिस गाड़ी में सरकारी अनाज लादा जा रहा था, वो वसई से आई थी और ये गरीब बच्चों को दोपहर में दिए जाने वाली दाल-खिचड़ी का राशन था, जिसे गैरकानूनी तरीके से बिना एजुकेशन डिपार्टमेंट या संबंधित विभाग को सूचना दिए अन्यत्र जगह भेजा जा रहा रहा था। उन्होंने कहा कि ये खुलेआम कालाबाजारी का एक हिस्सा है। इसके मालिक की जांच होनी चाहिए और रोड व टोल का सीसीटीवी कैमरा चेक किया जाना चाहिए।
यह पूरी तरह से गैरकानूनी है!
मिड-डे मील योजना को लेकर उप शिक्षणाधिकारी अजय डी. वाणी ने कहा कि यह योजना बच्चों के पोषण और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई है। डिलिवरी के बाद खाद्य सामग्री को कहीं और ले जाना सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन है। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस से भी हमें जानकारी मिली है, संस्था के खिलाफ जांच की जा रही।