बुलाकी शर्मा राजस्थान
आपनै होळी रा राम-राम सा। आप नराज हुय रैया हुवोला कै म्हैं आपरै घरै राम-रमी करण सारू कोनी आयो। माफ करिया सा। जमानो बदळग्यो है। पैला सगळा `इजी’ रैया करता, अबै सगळा `बिजी’ रैवै। हरेक सूं राम-रमी करण री फुरसत किण कनैई कोनी।
हां, हां… आप सही फरमायो। आपसूं राम-रमी करण सारू कोनी आ सक्यो पण केई लोगां री कोठियां जरूर गयो हो। देखो सा, बे आपरी वैâ म्हारी तरै आम आदमी कोनी, बे खास आदमी है। बां रै दरबार जाय’र हाजरी लगायां बिगड़िया काम सुधर सकै, मौको पड़ियां बे काम काढण री औकात राखै। आपरै घरै जायां, खाली म्हारो टैम ई जाया हुवणो हो, और आणी-जाणी कांई ही, बतावो?
राम-रमी करण सारू म्हैं होळी-दिवाळी नै मोटा अफसरां री कोठी जाया करूं, मिठाई रै डब्बै मतलब कै गिफ्ट पैक साथै। राज में रुतबो राखणिया नेतावां-जनप्रतिनिधियां रै बंगलै ई हाजरी लगाया करूं। अड़ी पड़ियां अे ही आडा आवणा है, आप किणी काम में आडी जरूर लगा सको, आडा आवण री आपमें सामरथ कठै। गळी-मोहल्लै में सोरो-सुखी रैवण सारू अर बैन-बेटियां री आबरू बचाई राखण सारू गुंडागीरी अर दादागीरी में ठावी ठौड़ राखणिया `खास लोगां’ सूं तो राम-रमी करणी जरूरी है ई।
लारला वैâई बरसां सूं राम-रमी करण रो म्हारो ओ ही उसूल है। पैला बाऊजी रै दियोड़ा `संस्कारां’ में अळूझियोड़ो गळी-मोहल्लै रा सगळा बूढ़ा-बडेरा, भायला-पापेला, रिस्तेदारां आद रै राम-रमी करण जाया करतो पण बां संस्कारां सूं मुगत हुयां पछै इण चिंता सूं ई मुगत हुयग्यो वैâ दूजा कांई कैयसी। अबै आपां रा राम तो खुद रै फायदै रो ध्यान राखै।
आप देख्यो हुवैला कै चुनावां री रुत में आयोड़ी इण रंगरंगीळी होली माथै आपांरा नेतावां-जनप्रतिनिधियां रा रंग ई बदळियोड़ा है। अबार बे खुद नै खास नीं आम आदमी देखावण री कोसीस में है। जिकां आपां जिसा आम लोगां साम्हीं देखता कोनी हा, बे अबकी आपां रै घरै राम-रमी करण नै पूग रैया है अर वोट देवण री अरदास कर रैया है। आ नेतावां सूं रंग बदळण री कला सीख’र मौको पड़ियां पासो पळटण में म्हैं ई उस्ताद हुयग्यो हूं। अबकी इण होळी किणी नेता री कोठी राम-रमी करण म्हैं गयो ई कोनी। जीत-हार रै पैâसलै सूं पैला न्यूट्रल दीखण में ई फायदो है।
आप नराज ना हुया। वाट्सऐप मैसेज रै मारफत आपसूं होळी रा राम-राम कर लिया है। बीं नै स्वीकार करिया सा।