बुलाकी शर्मा राजस्थान
बे पक्का प्रोग्रेसिव है। सामाजिक कुरीतियां रो डट नै विरोध करणिया। दहेज रा विरोधी। मिरत्यु भोज रा विरोधी। मरियोड़ै रै लारै मुंडन करावै, बीं रा ई विरोधी। बां रै विरोधी सुभाव नै देखतां लोग बां नै शादी-ब्यांव री कूं कूं पत्रिका भेजण सूं ई डरै। दुरभाग सूं घर में किणी री मिरत्यु हुय जावै तो ई बां नै सूचना देवणी कोनी चावै। क्यूं कै सगळा जाणै कै बां रै आयां सुधार नीं, बिगाड़ ई हुवणो है।
दूजां री छोड़ो, आपरै घर-परिवार में ई बे डट’र विरोध कर’र खुद नै पक्का प्रोग्रेसिव रूप पेश करता रैया है। बां री माताजी राम सरण हुया तद बां भदर (मुंडन) हुवण सूं साफ मना कर दियो। माताजी रै मिरत्यु भोज रो ई बां विरोध करियो पण घरवाळा अणसुणी कर’र मिरत्यु भोज में पांच मिठायां बणवाई। डायबिटीज रा रोगी हुवता थकां ई बां भरपेट मिठायां खाई, पण मिरत्यु भोज माथै हुयोड़ै खरचै में आपरो हिस्सो देवण सूं साफ मना कर दियो कै इण में हिस्सो-पांती देवणो म्हारै उसूलां रै खिलाफ है। बां सूं सवाल करियो गयो कै फेर मिठायां खाय’र चोखी डकार लेय’र पेट माथै हाथ कियां फेरियो। तद बां बेफिकर हुय’र फरमायो कै म्हारो उसूल विरोध करण रो है। मिठायां खावता थकां ई विरोध करतो रैयो कै नीं, बतावो?
प्रोग्रेसिवजी आपरै लाडकंवर रै ब्याव में ई उसूलां माथै पक्का रैया। दहेज कोनी लियो। रिस्तो तय हुयां पछै कन्या रै बाप नै बुलाय’र एक ई बात वैâई वैâ दहेज जिसी बुराई नै म्हैं घर में कोनी घुसण दूं नीं। दहेज री ठौड़ आप आपरी बेटी नै दिल खोल’र उपहार देवो। सोने-चांदी, हीरा-जवाहरात रा गहणा देवो। बेटी री सुख-सुविधा सारू शहर री पॉश कॉलोनी में बढ़िया फ्लैट देवो। थांरी बेटी अर दामाद रै सैर-सपाटा सारू लग्जरी कार उपहार में देवो। बहन-बेटी नै दियोड़ै उपहार रो प्रचार करण सूं पाप लागै। उपहार गुप्त राखीज्या करै। म्हैं जाणूं कै आप पाप रा भागी कोनी बणोला। ब्याव री कूं कूं पत्रिका छप नै सगळै बंट चुकी ही। प्रोग्रेसिवजी री बात मानणी बेटी रै बाप री मजबूरी हुयगी ही। ब्याव हुयां पछै प्रोग्रेसिवजी रा सपूतजी आपरी मेमसाब साथै नवै फ्लैट में शिफ्ट हुयग्या अर नवी कार में सैर-सपाटा करण लाग्या। लोग अचंभो करता रैया कै प्रोग्रेसिवजी दायजो लियो कोनी फेर ओ खिलको कियां हुयग्यो!
उसूलां माथै चालणियां प्रोग्रेसिवजी री बात ई न्यारी-निरवाळी हुया करै!