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रोखठोक : देश कैसे चल रहा है?

संजय राऊत- कार्यकारी संपादक

शासन कैसे चल रहा है? इसका जवाब आज कोई भी नहीं दे सकता है। मणिपुर की आग बुझाई नहीं जा रही है। किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए ट्विटर पर दबाव बनाया गया। शासकों की ‘आरामतलबी’ पर करोड़ों लुटाए जा रहे हैं। चीन ने सरहद पर हवाई अड्डा बना लिया है, लेकिन शासक चुप्पी साधे बैठे हैं!

देश के किसी-न-किसी हिस्से से रोज ही दिल दहलाने वाली तनाव और हिंसाचार की खबरें आती हैं। मणिपुर जैसा राज्य जल ही रहा है। अब तक सैकड़ों घर, वाहन, व्यापार भस्म हो गए हैं और करीब पांच सौ लोग इस हिंसा में मारे गए। पंजाब और कश्मीर की तरह मणिपुर का मुद्दा भी गरमा रहा है तथा गृहमंत्री अमित शाह खुद को चुनावी सियासत में उलझा रहे हैं। मणिपुर जैसे छोटे राज्य में गृहमंत्री शांति स्थापित नहीं कर सके। मणिपुर में वर्ग संघर्ष से हिंसा उग्र हो गई और ये राज्य टूट जाएगा, ऐसा प्रतीत हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ‘यूक्रेन-रूस’ युद्ध में मध्यस्थता कर सकते हैं (ऐसा अंधभक्तों का कहना है), लेकिन मणिपुर में दो जनजातियों के बीच कलह को हल नहीं कर सकते। यह तस्वीर अच्छी नहीं है।
राज्य कैसे चलता है?
मोदी-शाह का शासन कैसे चल रहा है? इस बात का खुलासा ‘ट्विटर’ के पूर्व ‘सीईओ’ जैक डोर्सी ने किया है। सरकार विरोधी भूमिका को ‘ट्विटर’ पर स्थान न दें, इस तरह का दबाव होने का धमाका डोर्सी ने किया।
‘भारत सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान दबाव डाला था कि आंदोलन से संबंधित समाचार और भूमिकाओं को स्थान न दें। हमारी नहीं सुने तो हिंदुस्थान में ‘ट्विटर’ के कार्यालय को बंद कर देंगे और आपके कार्यालय पर छापा मारेंगे।’ डोर्सी झूठ बोल रहे हैं इस तरह का हंगामा अब केंद्र के एक मंत्री चंद्रशेखर कर रहे हैं। जैक डोर्सी के पास झूठ बोलने का वैसा कोई भी कारण नहीं है। बल्कि झूठ बोलने, सत्य को दबाने के लिए मोदी सरकार के पास भरपूर वजहें हैं। इस देश के मौजूदा शासक कितने डरपोक हैं, ये इस प्रकरण से स्पष्ट होता है। तानाशाह कायर ही होता है। चार गधे एक साथ चरते हैं तो तानाशाह को उन चार गधों से भी डर लगने लगता है। ये चारों गधे हमारे खिलाफ कहीं साजिश तो नहीं कर रहे हैं ना? इस चिंता से वह व्याकुल हो जाता है। हमारे देश में ठीक यही चल रहा है।
ईरानी की धमकी
‘ट्विटर’ जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर इतना दबाव होगा, तो हमारे देश में समाचार संस्थानों, समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों के मालिकों की वैâसी हालत करके छोड़ी होगी? केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश में अपने अमेठी निर्वाचन क्षेत्र में गईं। वहां एक पत्रकार ने पूछा, ‘आप जब विपक्षी पार्टी में थीं तब महंगाई के खिलाफ आंदोलन कर रही थीं। गैस सिलिंडर लेकर मोर्चा निकाल रही थीं। अब आप गैस सिलिंडर के दाम कब कम करेंगी, ये बताएं!’ इस सवाल पर श्रीमती ईरानी उस पत्रकार पर भड़क गर्इं। ‘आपके मालिक से बात करती हूं’ ऐसी धमकी दी व उस मालिक ने उस पत्रकार को नौकरी से निकाल दिया। सरकार ‘मीडिया’ के मालिकों को धमका रही है और सच बोलने वाले पत्रकारों को नौकरी गंवानी पड़ रही है। इसका मतलब ऐसा है कि जैक डोर्सी जो बात कर रहे हैं वह सच ही है। झूठ बोलने पर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को संसद से इस्तीफा देना पड़ा और हमारे देश में प्रधानमंत्री हर दिन झूठ की नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। झूठ के नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
रेगन और मोदी
प्रधानमंत्री मोदी पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन उनके पास ‘एंटायर पॉलिटिक्स’ की डिग्री है। ‘चौथी पास राजा’ यह कहकर अरविंद केजरीवाल उनका मजाक उड़ाते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति पद तक रोनाल्ड रेगन पहुंचे और वे अर्ध-शिक्षित थे। उस समय खुलेआम कहा जाता था कि एक महाशक्ति माने जानेवाले राष्ट्र के प्रमुख पद पर ऐसे अज्ञानी प्रमुख का होना ये उस देश के नजरिए से ही नहीं, बल्कि विश्व की दृष्टि में भी अनिष्ट है। रेगन के दौर में निजी चैनल चलन में नहीं आए थे। उस समय टेलीविजन था। इसलिए रेगन को टेलीविजन बहुत प्रिय था। सात बजे के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शामिल समाचारों में हमारे शीर्षक की खबर होनी चाहिए, ऐसी रेगन की जिद थी। इसलिए अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे पीछे छूट जाते थे। अज्ञानी शासकों की यह कमजोरी होती है और यही हम महसूस कर रहे हैं।
लोकप्रियता खत्म हुई
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता की लहर पूरी तरह से शांत हो गई है। मूलरूप से यह लहर वास्तविक नहीं थी। राहुल गांधी के कारण मोदी के चुनाव जीतने की राह आसान हो जाती है, ऐसा कहा गया। अब तस्वीर बदल गई है। मोदी के कारण ही राहुल गांधी को भाजपा को पराजित करना आसान होगा। मोदी और उनकी पार्टी ने जिन वादकों को रखा हैं, उन पर लोगों को विश्वास नहीं रहा है। मोदी विदेश जाते हैं व उनकी जय-जयकार करनेवाली खरीदी गई भीड़ इकट्ठा करते हैं, लेकिन अब किसी पद पर रहे बिना राहुल गांधी अमेरिका में गए। वहां प्रमुख विश्वविद्यालय ने उनका संवाद रखा और लोगों ने उन्हें सुनने के लिए भारी भीड़ की। गांधी किसी तरह का दिखावा नहीं करते यह महत्वपूर्ण है। मोदी गरीब होने का दिखावा करते हैं व खुद के शान-शौक पर जनता का पैसा उड़ाते हैं। बीस हजार करोड़ का एक विशेष विमान उन्होंने जनता के पैसों से खरीदा। यह उनकी खिदमत के लिए है। जिस देश में ८५ करोड़ लोग सरकारी राशन पर गुजारा करते हैं, उस देश का प्रधानमंत्री खुद के लिए बीस हजार करोड़ के विमान का प्रावधान करते हैं। ऐसा सिर्फ युगांडा, लीबिया आदि देशों में ही हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी ने जैक डोर्सी को धमकी दी। देश की मीडिया को धमकी दी। ये तानाशाही के लक्षण नहीं, बल्कि विकृति है। ओडिशा में ट्रेन हादसे में ३०० से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। उन शवों को ढंकने के लिए वहां ‘कफन’ उपलब्ध नहीं थे, लेकिन उसी देश के प्रधानमंत्री रोज दिनभर में लाखों रुपए के ‘सूट’ बदलते रहते हैं। ये तस्वीर क्या कहती है?
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पूरी तरह से रसातल में चली गई है। लोकप्रियता की कृत्रिम लहरों के निर्माण का प्रयास आगे किया जाएगा। मोदी ने देश व जनता के लिए क्या किया? ऐसा सवाल इतिहास में पूछा गया तो धार्मिक तनाव, दंगों की राजनीति और झूठ की सियासत उसका जवाब है। विरोधियों की आलोचना का जवाब देने की हिम्मत उनमें नहीं है और पत्रकारों के सामने खड़े होकर ‘सवालों’ का सामना करने की ताकत उनमें नहीं है। पाकिस्तान को वे धमकी देते हैं, लेकिन चीन ने सीमा पर नए रनवे, सैन्य भवन, बंकर, हेलीपैड, सड़कें, पुल, रेलवे, मिसाइल स्थल बनाकर भारत के समक्ष चुनौती खड़ी कर दी है।
प्रधानमंत्री मोदी, थोड़ा उस सरहद पर सैर-सपाटा करने आओ और उस पर भी बात करो!

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