संजय राऊत -कार्यकारी संपादक
महाराष्ट्र के साथ-साथ आज सारा देश धोखाधड़ी के शतरंज में फंस गया है। रिजर्व बैंक सहित सभी राष्ट्रीय एजेंसियों पर एक गुट का कब्जा है। रिजर्व बैंक ने कर्ज डुबोनेवाले भाजपा के ५० पसंदीदा लोगों का हजारों करोड़ का कर्ज माफ कर दिया, लेकिन कर्ज नहीं चुका पाए इसलिए एक नितिन देसाई ने आत्महत्या कर ली। लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व, लव जिहाद जैसे विषय आएंगे, लेकिन हिंदुत्व सिखानेवाले मौजूदा घराने मुगलों के अधीन थे। आज ये सभी घराने भाजपा में हैं।
भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद व अभिनेता सनी देओल ने बैंक के ५६ करोड़ का कर्ज नहीं चुकाया, जिसके कारण उनके जुहू स्थित बंगले की नीलामी किए जाने की जाने की घोषणा कर दी गई, लेकिन बैंक ने अगले २४ घंटों में ही तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए नीलामी रद्द कर दी। इसके १५ दिन पहले ही कला निर्देशक नितिन देसाई को आत्महत्या करनी पड़ी। सिर पर कर्ज होने के कारण उनके ‘एन.डी.’ स्टूडियो की जब्ती की कार्रवाई शुरू हो गई। इससे आहत देसाई को आत्महत्या का मार्ग अपनाना पड़ा। कर्ज डुबानेवालों को अभय दिया जाता है, लेकिन यदि वे भारतीय जनता पार्टी के भीतरी गुट के हों तब ही। नितिन देसाई की जिंदगी बचाई जा सकती थी। श्री राहुल गांधी जब सरकार से वित्तीय घोटालों पर मोदी सरकार से सवाल पूछते हैं, तब सरकार निरुत्तर हो जाती है। गांधी ने २०२० में लोकसभा में देश के ५० मुख्य ‘विलफुल डिफॉल्टर्स’ यानी कर्ज डुबानेवालों के बारे में सवाल पूछे, लेकिन सरकार ने जवाब देने से इंकार कर दिया।
उसके बाद श्री साकेत गोखले ने सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक से कर्ज डुबानेवालों की पूरी जानकारी मांगी। उसके अनुसार ५० कंपनियों व व्यक्तियों की फेहरिस्त दी गई। जैन इंप्रâा प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी को १,०७३ करोड़ रुपए की कर्जमाफी दी गई। इसके अलावा अन्य ५० कंपनियों के भी हजारों-करोड़ों के कर्ज को माफ किया गया। एक-एक कंपनी के कम से कम ५०० करोड़ के कर्ज माफ कर जैसे मलिदा ही बांटा गया। इन सभी कंपनियों और उनके मालिक, भागीदार, ये सभी भाजपा के रिश्ते-नाते में ही हैं, लेकिन नितिन देसाई को सौ-सवा सौ करोड़ के लिए आत्महत्या करनी पड़ी। भूमिपुत्रों को यह भूलना नहीं चाहिए।
अवैध छापे!
मौजूदा समय में हमारे देश में धोखाधड़ी का जोरदार शतरंज चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी के वॉशिंग मशीन पर बोलें तो कितना, ऐसा सवाल अब उठता है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे केंद्रीय जांच एजेंसी अधिक आक्रामक व हिंसक बनती दिख रही हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ‘ईडी’ द्वारा समन भेजा गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निकटवर्तियों पर जांच एजेंसियों ने छापे-मारी की। ममता बनर्जी के सांसद भांजे अभिषेक बनर्जी के करीबी लोगों पर फिर से छापे पड़े, इसके बावजूद इनमें से कोई भी भाजपा की शरण में जाने को तैयार नहीं। इस तरह से समर्पण करने के मामले सिर्फ महाराष्ट्र में हुए। दिल्ली के सामने न झुकनेवाले महाराष्ट्र पर कुछ लोगों ने लांछन लगाया है। इन मराठी नेताओं की मदद से अब महाराष्ट्र को लूटा जा रहा है। ईडी, इनकम टैक्स के लोग सत्ता का किस तरह दुरुपयोग करते हैं, यह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया। बघेल ने भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ से निकाल बाहर किया। अब भाजपा की जगह उनके केंद्रीय नेतृत्व ने ‘ईडी’ और ‘इनकम टैक्स’ वालों को मैदान में उतारा है, ऐसा श्री बघेल कहते हैं। उत्तर प्रदेश में खान माफियाओं ने दहशत पैâला रखी है। अवैध तरीके से सब कुछ चल रहा है, लेकिन झारखंड के ‘खान’ लेन-देन की जांच करने के लिए ‘ईडी’ वहां पहुंच गई है। ‘ईडी’ के निदेशक संजय मिश्रा सच ही कर्तव्यनिष्ठ होंगे तो उन्हें भाजपा वॉशिंग से निकले सभी ‘ईडी’ वीरों के खिलाफ कार्रवाई को गति देनी चाहिए। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, महाराष्ट्र के अजीत पवार, हसन मुश्रीफ, भावना गवली ऐसे कई हैं, भाजपा में प्रवेश करने के बाद जिनके खिलाफ ‘ईडी’ ने अपनी कार्रवाई रोक दी। केंद्रीय जांच एजेंसी का यह कृत्य गैरकानूनी है। एक ही रात में ये लोग ‘हिंदूवादी’ और मोदी भक्त बन गए व उनके खिलाफ चल रही कार्रवाई थम गई।
मुगलों का मित्र परिवार
भाजपा वॉशिंग मशीन ने भ्रष्टाचार के दाग साफ कर दिए जाएंगे, ऐसा ही हिंदुत्व के मामले में भी हो रहा है। अजीत पवार जैसे लोग एक रात में हिंदुत्ववादी बन गए। शिंदे के ४० व पवार के साथ के विधायक-सांसद ये कल संघ की शाखाओं में जाकर कसरत करते हुए दिखेंगे और कहेंगे कि वैचारिक परिवर्तन हो रहा है। हिंदुत्व पर प्रहार करनेवाले सभी लोग भाजपा में आए। इसी तरह जिनके पूर्वज व घराने मुगलों की चाकरी करते हुए खुद को धन्य मानते थे, उनके आज के वंशज भाजपा का पखाल ढोते हुए दिखाई दे रहे हैं। इनमें से कइयों को भाजपा ने सांसद-विधायक के तौर पर निर्वाचित कराया है। ‘लव जिहाद’ यह लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार का मुद्दा होगा, लेकिन भाजपा में आज ऐसे कई लोग हैं, जिनके पूर्वजों ने मुगलों को अपनी बेटियां-बहनें दी हैं। भारतीय जनता पार्टी सिर्फ जेब भी साफ करे तो ऐसे सौ से अधिक पतित मुगल गिरेंगे। जयपुर राजघराने के लोग भाजपा में हैं। एक बार उन्हीं लोगों ने ताजमहल पर अपना दावा ठोंका था। सबसे पहले दिव्याकुमारी के घराने ने ही राजस्थान में मुगलों की पराधीनता स्वीकार की थी। भारमल राजा ने अपनी बेटी हरखाबाई का विवाह बादशाह अकबर से किया था। उसके बाद भारमल के बेटे ने अपनी बेटी मानबाई का विवाह शहजादा सलीम से किया था। हल्दी घाटी में मुगलों ने महाराणा प्रताप को जिसके नेतृत्व में पराजित किया था वह मानसिंह उनका पूर्वज था। छत्रपति शिवाजी महाराज पर हमला करने और मौके का लाभ उठाकर शिवराय के सभी किलों पर कब्जा करने वाले मिर्जा राजे जयसिंह इसी घराने से हैं। इन सभी लोगों ने अपना पुरा जीवन पराए मुगल साम्राज्य के लिए न्यौछावर कर दिया। औरंगजेब ने जब आगरा में शिवाजी महाराज को नजरबंद किया तब जिस रामसिंह को महाराज के साथ रखा गया था वह रामसिंह भी इसी घराने का था। १८१८ में अंग्रेजों की मदद लेकर मराठों के खिलाफ लड़नेवाला जगत सिंह भी इसी घराने का था। ये सभी पहले मुगल और बाद में अंग्रेजों के गुलाम बन गए। यह इतिहास होने के बावजूद ये सभी घराने आज भाजपा के साथ हैं और वे महाराष्ट्र को हिंदुत्व आदि सिखा रहे हैं। उस पर ‘लव जिहाद’ आदि विषय इसमें जुड़े ही हैं। महुआ मोईत्रा तृणमूल कांग्रेस की सांसद। संसद में वे जोरदार भाषण करती हैं। उनका भाषण सुनकर मोदी के साथ-साथ पूरे भाजपा का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, ‘२०२४ के चुनाव को जीतने के लिए देशभर में दंगे करवाए जाएंगे। अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण समारोह के लिए देशभर से विशेष ट्रेनें छोड़ी जाएंगी। और उन ट्रेनों पर मुस्लिमों के गांवों से हमले करवाए जाएंगे। उन्हें फिर से गोधरा करना है।’ महुआ मोईत्रा ने जो कुछ कहा वह गंभीर ही है।
एक गुट का कब्जा
देश चलानेवाले सभी एजेंसियों पर आज एक ही गुट का कब्जा है। सर्वोच्च न्यायालय दबाव में है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ देश को बचाने की लड़ाई में अकेले हैं। लोगों के मन में प्रचंड असंतोष व संताप है। सरकार चुनाव नहीं करवा रही है तथा ‘ईवीएम’, चुनाव आयोग पर भी लोगों का विश्वास नहीं रहा। रिजर्व बैंक को अपने नियंत्रण में रखकर अपने ही लोगों के हजारों-करोड़ों रुपयों का कर्ज माफ करना और किसी भूमिपुत्र मराठी नितिन देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाना यही सब चल रहा है। चांद पर भारत के यान का उतरा है यह तो सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही संभव हुआ है इस तरह की शेखी में भाजपा के लोग घूम रहे हैं। ब्राजील में फिलहाल इसी तरह का कारोबार चल रहा है। जिससे परेशान होकर लोग अंत में सड़क पर उतर गए हैं। ब्राजील की राजधानी रियो डी जिनेरियो में सड़कें, जनजीवन ठप पड़ गया है। लोगों ने सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन, संसद पर हमला कर दिया है, लोग क्यों भड़क उठे? वजह सार्वजनिक चुनावों के नतीजे आए वह लोगों को स्वीकार नहीं था। ये नतीजे सही नहीं हैं, उनमें गोलमाल है। इससे चिढ़कर लोगों ने बगावत की, जिसे अंतत: चुचल दिया गया। लेकिन लोगों को रोकना कठिन हो गया। उनकी सहनशीलता खत्म हो गई है और क्या होगा? लोगों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। जांच एजेंसियों की तानाशाही बढ़ती ही जा रही है। इन सबके उपाय के तौर पर ही चंद्रयान को चांद पर उतारा गया। अब सभी समस्याएं हल हो जाएंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने यह कितना महान कार्य किया है!