मुख्यपृष्ठनए समाचाररोखठोक : धर्मराज के समक्ष यक्ष प्रश्न! २० हजार करोड़ किसका?

रोखठोक : धर्मराज के समक्ष यक्ष प्रश्न! २० हजार करोड़ किसका?

संजय राऊत

राहुल गांधी व अरविंद केजरीवाल ने मोदी-अडानी संबंधों पर जोरदार हमला किया। अडानी की संपत्ति मोदी की ही है, असली मालिक मोदी ही हैं, ऐसा श्री केजरीवाल ने दिल्ली की विधानसभा में सबूतों के साथ कहा! श्रीमंत मोदी के व्यापार पर प्रकाश डालने वाला यह लेख।

‘मोदी-अडानी’ यह नाम अब भ्रष्टाचार के प्रतीक बन गए हैं, लेकिन सरकारी भ्रष्टाचार का विरोध करनेवाले तमाम विरोधियों पर उंगली उठाते हुए हमारे प्रिय प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, ‘भ्रष्टाचार में लिप्त सभी चेहरे एक मंच पर आ गए हैं।’ मोदी का यह बयान बेतुका है व मोदी के इस बयान पर ताली बजानेवाले बुद्धिहीन हैं। ये लोग देश को प्रतिदिन गर्त में पहुंचा रहे हैं। श्री राहुल गांधी ने चोरों को चोर कहा व इसकी वजह से उनकी सांसदी रद्द कर दी गई, दिल्ली का उनका घर छीन लिया। जिस देश में चोरों को चोर कहने की आजादी नहीं है, उस देश का नेतृत्व चोरों और डकैतों के हाथ में होता है। सोशल मीडिया पर अब इस विषय को लेकर कई व्यंग्य प्रसारित हो रहे हैं। एक युवक घर में हुई चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचा। ‘चोरी कैसे हुई?’ पुलिस। ‘क्या बताऊं साहेब, रात में नींद खुली… तो देखता क्या हूं, चोर तिजोरी तोड़ रहा था और उसका साथी बाहर खड़े वाहन में चोरी का सारा सामान लाद रहा था…’
‘अरे परंतु तुम चोर-चोर, मदद करो, ऐसा क्यों नहीं चिल्लाए?’ पुलिस। ‘साहेब, चोर-चोर चिल्लाने पर दो वर्षों के कारावास की सजा होती है व उसके बाद निवास स्थान भी जब्त हो जाता है, मुझे यह पता है, इसलिए मैं चुप रहा!’
श्री राहुल गांधी का ‘मोदी-अडानी’ मामला देश में किस कदर फैल चुका है, ये इससे दिखता है। दिल्ली में भाजपा के कार्यालय के उद्घाटन में मोदी गए तथा उन्होंने एक और मजाक किया, ‘हमारी पार्टी सोशल मीडिया पर नहीं चलती’, ऐसा उन्होंने कहा। २०१४ से सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके विपक्ष को बदनाम करनेवाली यह पार्टी है। सैकड़ों-करोड़ रुपए झूठ का प्रचार करने के लिए इन लोगों ने उड़ाया। भ्रष्टाचार और लूट से पाया गया वह पैसा था। आज वही सोशल मीडिया मोदी और उनकी पार्टी को रोज नंगा कर रहा है। २०१४ का हथियार अब उन्हीं पर उल्टा पड़ता दिख रहा है।
वास्तव में संबंध क्या?
गौतम अडानी और प्रधानमंत्री मोदी का असल में संबंध क्या? अडानी के भ्रष्टाचार के संरक्षक के रूप में प्रधानमंत्री पहाड़ की तरह क्यों खड़े हैं? अडानी की कंपनी में अवैध रूप से निवेश किए गए २० हजार करोड़ रुपए वास्तव में किसके हैं? ऐसे सवाल श्री गांधी ने पूछे। उन सवालों का जवाब कम-से-कम ‘ईडी’ और सीबीआई को तो देना चाहिए। लेकिन असली चोरों को संरक्षण और लुटेरों को सम्मान दिलाने का काम आज ये दोनों संगठन कर रहे हैं। मोदी कहते हैं, ‘सत्तर सालों में कांग्रेस सरकार ने कुछ भी नहीं किया। भाजपा ने सिर्फ सात वर्षों में देश को प्रगति के पथ पर पहुंचाया।’ ये सबसे बड़ा झूठ है। देश में गरीबी और बेरोजगारों का आंकड़ा बढ़ रहा है। गरीबों को और गरीब बनाकर उन्हें राशन पर मुफ्त में केवल ५-१० किलो अनाज भीख के रूप में देना, इसे मोदी सरकार प्रगति और विकास मान रही है। ६७ वर्षों में देश की सभी सरकारों ने मिलकर ५५ लाख करोड़ का कर्ज लिया, लेकिन ‘मोदी’ सरकार ने बीते ७ वर्षों में ही ८५ लाख करोड़ का कर्ज ले लिया। इन ८५ लाख करोड़ का हिसाब मांगनेवाले भ्रष्टाचारी ठहराए जाते हैं। इस ८५ लाख करोड़ की मलाई अडानी की जेब में बड़ी प्रमाण में गई। ‘अडानी की पूरी संपत्ति श्री मोदी की ही है। अडानी सिर्फ एक चेहरा हैं। उनकी पूरी संपत्ति के असली मालिक हमारे ‘फकीर’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं’, ऐसा आरोप श्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में लगाया। मोदी और उनकी टीम का पैसा अडानी ‘मैनेज’ करता है व अडानी को केवल १०-२० फीसदी कमीशन मिलता है, ऐसा आरोप दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल सबूतों के साथ लगाते हैं व ईडी, सीबीआई इस पर चुप्पी साधे रहती है। न्यायालय ‘सूमोटो’ पद्धति से आगे नहीं बढ़ता है। ऐसी विकलांग अवस्था में आज हमारा देश है।
केजरीवाल का बम
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से केवल २० हजार करोड़ के बारे में एक सवाल पूछा, लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा २८ मार्च को दिल्ली विधानसभा में दिया गया भाषण प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मंडली के मुखौटों को नोचकर निकालने वाला है। केजरीवाल कहते हैं, ‘भाजपा के एक बड़े नेता उनसे मिले। मोदी-अडानी के रिश्ते पर दोनों के बीच चर्चा हुई। मोदी, अडानी की इतनी मदद करते हैं, इसका कारण क्या है?’ ऐसा उस भाजपा नेता ने पूछा।
‘अडानी, मोदी के मित्र हैं।’ केजरीवाल।
‘मित्र? अब तक मोदी द्वारा कभी भी किसी की मदद किए जाने का कोई उदाहरण नहीं।’ भाजपा नेता।
‘फिर?’ केजरीवाल।
‘अपनी पत्नी के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। अपनी मां के लिए भी कुछ नहीं किया। उनके भाई, रिश्तेदार गुजरात में रहते हैं। उनके लिए कुछ भी नहीं किया। राजनीतिक गुरु के लिए कुछ नहीं किया। फिर एक मित्र के लिए वे सब कुछ करते हैं, यह वैâसे संभव है? वे एक मित्र पर इतने मेहरबान क्यों हैं? ये कैसी मित्रता है?’ भाजपा नेता।
‘फिर क्या मामला है?’ केजरीवाल।
‘विचार करो। इतना बड़ा घोटाला हुआ। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आई। चौतरफा छी:, थू हुई। अडानी समूह धराशायी हो गया। मोदी इतने स्वार्थी गृहस्थ हैं कि मामला केवल ‘दोस्ती’ तक ही सीमित होता तो दो मिनट में उन्होंने अडानी को झटककर दूर कर दिया होता। मेरा उनसे कोई संबंध नहीं कहकर मुक्त हो गए होते, लेकिन मोदी आज भी अडानी को बचाने के लिए पीछे पड़े हैं।’
‘इतना होने के बाद भी स्टेट बैंक, प्रोविडेंट फंड को लेकर उन्होंने कहा, अडानी को पैसे दो। उसकी मदद करो। ये क्यों?’
‘फिर मोदी खुद की बदनामी स्वीकार करके अडानी को संरक्षण क्यों दे रहे हैं?’ केजरीवाल।
‘अडानी सिर्फ मुखौटा है। अडानी में सभी पैसे मोदी के लगे हैं। अडानी मोदी का पूरा पैसा मैनेज करता है। वह मोदी का मैनेजर है। कल इस मामले की जांच के लिए ‘जेपीसी’ लगी तो अडानी नहीं डूबेगा, मोदी डूबेंगे।’ भाजपा नेता।
‘मोदी को इतने पैसों की क्या जरूरत है? उनके आगे-पीछे कोई नहीं।’ केजरीवाल।
‘महोदय, यह जरूरत नहीं, बल्कि पैसों की भूख है!’ मोदी में यह भूख है। जिस दिन अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने वो अडानी नहीं, बल्कि हमारे मोदी ही दुनिया के दूसरे क्रमांक के सबसे अमीर व्यक्ति बने थे।’
‘अब मोदी का सपना है, वे दुनिया के पहले क्रमांक के अमीर बनना चाहते हैं!’
जिस देश के प्रधानमंत्री को सबसे अधिक अमीर बनने का शौक लगा है, वह खुद को ‘फकीर’ कहलवाता है व विरोधियों को भ्रष्टाचारी कहता है। ये तो सीधे-सीधे ढोंग है। श्री केजरीवाल ने अडानी द्वारा निगली गई सभी कंपनियों की सूची ही सार्वजनिक कर दी। मुंबई सहित छह हवाई अड्डों का कामकाज अडानी को दिया जा सके, इसके लिए नियमों में बदलाव किए गए। सीबीआई और ईडी द्वारा छापा मारे जाने पर कृष्णापटनम पोर्ट अडानी के कब्जे में आ गया। मुंबई हवाई अड्डा ‘जेवीके’ कंपनी के नियंत्रण में था। ईडी-सीबीआई का इस्तेमाल किया व मुंबई एयरपोर्ट अडानी के कब्जे में आ गया। अंबुजा सीमेंट का भी वही हुआ। दुनियाभर के कई सौदे और परियोजनाएं मोदी ने केवल अडानी की जेब में डालीं। एक उद्योगपति के गले में देश की पूरी संपत्ति डालने का कारण क्या है? यह केजरीवाल का सवाल है। उस सवाल का जवाब भी केजरीवाल ने दिया। ‘अडानी केवल ‘फ्रंटमैन’ हैं। उनकी संपत्ति के असली मालिक मोदी ही हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इस भ्रष्टाचार व देश को लूटने के तरीके का सीधे समर्थन किया। यह देशविघातक है।’
दुनिया में क्या चल रहा है?
कोयला से लेकर एयरपोर्ट तक, सड़क से लेकर बंदरगाह तक सब कुछ आज अडानी के स्वामित्व का है। फिर देश में ऐसा क्या बचा यह सवाल भाजपा में कितने देशभक्तों के मन में उठता है? अंग्रेजों ने भी लूट का इससे कौन सा अलग मार्ग अपनाया था? भ्रष्ट राज व्यवस्था के विरोध में आज दुनिया के कई हिस्सों में लोग सड़कों पर उतरे हैं। फ्रांसीसियों ने दुनिया को लोकतंत्र और स्वतंत्रता का मूल्य क्या है, यह समझाया। उसी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरी है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के भ्रष्ट और तानाशाही प्रशासन के खिलाफ वहां की जनता सड़कों पर उतर गई। इजराइल के रक्षा मंत्री, पुलिस भी जनता के आंदोलन में सहभागी हुई। न्यायिक सुधारों के नाम पर बेंजामिन नेतन्याहू देश की सर्वोच्च न्यायपालिका जेब में रखना चाहते थे। अब जनता के आंदोलन के चलते नेतन्याहू पीछे हट गए हैं।
इजराइल में जनता के आंदोलन में नेता नहीं हैं।
फ्रांस में भी नेताओं के बिना लोग सड़कों पर उतरे।
अमीर मोदी को दुनिया के इन घटनाक्रमों को समझ लेना चाहिए। दमनशाही और तानाशाही का अंत जनता करती है।
श्री गांधी ने मोदी से केवल २० हजार करोड़ का राज पूछा। केजरीवाल कहते हैं, ‘अडानी का मतलब ही मोदी है।’ यही सत्य है। ‘मारुति कांबले का क्या हुआ?’ इस सवाल की तरह अडानी की कंपनी में निवेश किए गए २० हजार करोड़ रुपए किसके हैं? यह प्रश्न महत्वपूर्ण है। सर्वत्र यही ‘यक्ष’ प्रश्न पूछा जा रहा है। मोदी के २० हजार करोड़ ने सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया।
धर्मराज अर्थात युधिष्ठिर प्यास से व्याकुल थे। चारों पांडव भाई जंगल में पानी की तलाश में गए, वे अभी तक वापस क्यों नहीं आए, इस चिंता से धर्मराज ग्रसित हो गए। भाई नहीं लौटे तो धर्मराज स्वयं उस जंगल में भाइयों को ढूंढ़ने निकल पड़े व एक तालाब के पास पहुंच गए। लेकिन देखते क्या हैं? उनके चारों ‘पांडव’ भाई वहां निस्तेज अवस्था में पड़े थे, लेकिन गला सूखा पड़ा था, प्राण व्याकुल हो गया था इसलिए अंजुली भर पानी के लिए उनके द्वारा तालाब में हाथ डालते ही सारस पक्षी के रूपवाले एक यक्ष ने उन्हें रोक दिया।
‘रुको! तुम्हारे भाइयों ने भी मेरी नहीं सुनी। मेरे सवालों का जवाब दिए बिना पानी पीया तो पानी जहर बन जाएगा।’ -यक्ष।
धर्मराज ने कहा, ‘पूछो प्रश्न!’
यक्ष ने प्रश्न किया, ‘धर्मराज बताओ, अडानी की कंपनी में २० हजार करोड़ रुपए का निवेश किसने किया?’
पहले ही सवाल पर धर्मराज चकरा गए। उन्होंने यक्ष की ओर बेबसी से देखा। दूर से नमस्कार किया। ‘मैं आता हूं’, कहते हुए पीछे घूमे और प्यास से बेहाल होकर अपने भाइयों के पास गिर गए!
अब मोदी, अडानी ही सवाल का जवाब देकर यक्ष प्रश्न सुलझाएं और पांच भाइयों की जान बचाएं!

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