– यूक्रेन महिला पत्रकार को दी गई तालिबानी सजा
– जुलाई २०२३ से हुई थी लापता
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेनी पत्रकार विक्टोरिया रॉश्चेयना की दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है। दरअसल, रूस से युद्ध में मारे गए ७५७ यूक्रेनी सैनिकों के शव रेडक्रॉस को सौंपे गए थे। इनमें एक बॉडी नंबर ७५७ था, जिसकी पहले तो पहचान एक अज्ञात पुरुष के तौर पर की गई थी और मौत की वजह हार्ट फेल बताई गई थी। हालांकि, कई हफ्तों के बाद जब फोरेंसिंक एक्सपर्ट्स ने जांच की तो शव यूक्रेन की २७ साल की पत्रकार विक्टोरिया रॉश्चेयना का निकला, जो जुलाई २०२३ से लापता थीं।
फोरेंसिंक रिपोर्ट में दावा है कि पत्रकार को रूह कंपाने वाली यातनाएं दी गई थीं। उसके मस्तिष्क का हिस्सा गायब था, हड्डियां टूटी हुई थीं, उसकी आंखें भी निकाली गई थीं। इतना ही नहीं उसे बिजली का करंट देने के साथ उसे ड्रग्स दिए जाने के खुलासे भी हुए हैं। यह बताता है कि वैâद में उसके साथ किस हद तक बर्बरता की गई थी। वो रूस के उन वैâदखानों तक पहुंचना चाहती थीं, जहां यूक्रेनी नागरिकों को रोंगटे खड़ी करने वाली यातनाएं दी गईं।
शरीर के कई अंग गायब
जब उसकी बॉडी वापस की गई तो लंबे समय तक यातनाएं दिए जाने के निशान साफ दिख रहे थे। उसके गले की हड्डी टूटी थी, जो गला घोंटने का संकेत देती है। उसके मस्तिष्क का एक हिस्सा, आंखें और शरीर के कई अन्य हिस्से गायब मिले, ताकि मौत की असल वजह पता न चल सके। वैâदी बनाए जाने के एक साल बाद सिर्फ एक बार उसकी बात उनके माता-पिता से कराई गई। आखिरी बार तभी उसकी आवाज सुनी गई।