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जंग के खिलाफ बोले रसियन बच्चे… सजा दे रहा रूस! … बच्चों के पिता को पुलिस कर रही है टॉर्चर

एजेंसी / मॉस्को
रूस में जंग की आलोचना रोकने के लिए पुतिन हर तरह से पाबंदियां लगा रहे हैं। जंग की आलोचना का शिकार बच्चे हो रहे हैं। इतना ही नहीं जंग की आलोचना करने पर लोकल पुलिस बच्चों को गिरफ्तार कर एक केयर सेंटर में भेज दे रही है। एलेक्सी ने रूस के ह्यूमन राइट्स ग्रुप को बताया कि ३० दिसंबर को उनके घर के बाहर उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की पांच गाड़ियां और एक फायर ट्रक आया था। वो उन्हें बिना वारंट के अपने घर में नहीं घुसने देना चाहता था। लेकिन उनके जबरदस्ती करने पर उसने दरवाजा खोल दिया। इसके बाद पुलिस और रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस ने उनके घर की तलाशी लेनी शुरू कर दी। रिपोर्ट के अनुसार रूस ने जंग की आलोचना करने वाले बच्चों को डिटेंशन सेंटर में रखा है। एलेक्सी मोस्कालयेव नाम के इस व्यक्ति को गुनाह ये था कि इसकी बेटी ने यूक्रेन जंग का विरोध करते हुए एक पेंटिंग बना दी थी। जिसके बाद दोनों बाप-बेटी पर रूसी सेना का अपमान करने का केस दर्ज कर लिया गया। इतना ही नहीं पुतिन की सेना ने उससे ३२ हजार रूबल (रूसी करेंसी) का जुर्माना भी वसूला।
स्कूह में बनाई पेंटिंग से शुरू हुआ मामला
पिछले साल जंग शुरू होने के दो महीने बाद ही अप्रैल में एलेक्सी की बेटी के स्कूह में रूस की जंग का समर्थन करते हुए एक पेंटिंग बनाने को कहा गया था। इस पर एलेक्सी की बेटी माशा ने एक पेंटिंग बनाई जो जंग के खिलाफ थी। माशा ने पेंटिंग में एक बच्चे और उसकी मां को दिखाया था। उस पर लिखा था जंग नहीं होनी चाहिए। साथ ही यूक्रेन के समर्थन में नारे लिखे थे। इसके एक दिन बाद ही माशा के टीचर्स ने एलेक्सी को स्कूह बुलवा लिया। दोनों बाप-बेटी को एक गाड़ी में बिठाकर पूछताछ के लिए ले जाया गया। एलेक्सी का कहना है कि सिक्योरिटी ऑफिशियल्स ने उसे एक कमरे में कैद कर लिया। उसके सिर को दीवार में पटक-पटक कर उन्हें टॉर्चर किया गया। साथ ही उन्हें तेज आवाज में रूस की नेशनल एंथम सुनाई जाती थी। जो असहनीय थी।

एक साल में ५४४ नाबालिगों को सजा
रूस के मामलों पर नजर रख रहे मीडिया हाउस इंफो इंग्लिश के मैनेजर डैन स्टोरीयेव ने अलजजीरा को बताया कि पिछले एक साल में ५४४ नाबालिगों को जंग के खिलाफ लिखने, बोलने या विरोध करने के आरोप में सजा दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जंग के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने वाले कई नाबालिगों को तो पुलिस ने अरेस्ट भी किया है। पिछले साल अक्टूबर में मॉस्को में एक १० साल की लड़की ने सेंट जेवलिन की तस्वीर को अपने क्लास की ग्रुप चैट में प्रोफाइल फोटो के तौर पर लगा लिया था। जिसकी शिकायत उसके क्लासमेट के ही घरवालों ने पुलिस से कर दी।

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