मुख्यपृष्ठग्लैमरनिष्ठुर, निष्प्राण, बॉलीवुड ने बेखुदी से पार्थी दा को विदा किया 

निष्ठुर, निष्प्राण, बॉलीवुड ने बेखुदी से पार्थी दा को विदा किया 

हिमांशु राज / मुंबई

बॉलीवुड के उम्दा निर्देशक पार्थो घोष का 75 साल की उम्र में निधन हो गया। फिल्म निर्देशक पार्थो घोष का निधन वास्तव में हिंदी सिनेमा के एक युग का अंत है। उन्होंने ‘100 डेज’ (1991), ‘अग्नि साक्षी’ (1996), ‘गुड्डू’ (1995) और ‘लाल सलाम’ (2002) जैसी फिल्मों का निर्देशन किया, जिनमें माधुरी दीक्षित, जैकी श्रॉफ, नाना पाटेकर, शाहरुख़ खान, मिथुन चक्रवर्ती और मनोज बाजपेयी जैसे बड़े कलाकारों ने काम किया। पार्थो घोष के निधन के बाद यह दुखद सच्चाई सामने आई कि बॉलीवुड ने उनके अंतिम समय में उन्हें भुला दिया। उनकी अंतिम यात्रा में कोई बड़ा बॉलीवुड सितारा शामिल नहीं हुआ, जबकि उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दी थीं। यह उद्योग की उस मानसिकता को दर्शाता है, जहां सफलता के दौरान तो सब साथ होते हैं, लेकिन जब समय कठिन होता है, तो अक्सर लोग पीछे हट जाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस इंडस्ट्री ने उनकी फिल्मों से पैसा और प्रसिद्धि कमाई, उसी ने उनके अंतिम समय में उन्हें भुला दिया। यह घटना एक बार फिर उस सच्चाई को उजागर करती है कि बॉलीवुड में अक्सर रिश्ते सिर्फ फायदे तक ही सीमित रह जाते हैं। पार्थो घोष के योगदान को सिनेमा प्रेमी हमेशा याद रखेंगे, भले ही उद्योग ने उन्हें भुला दिया हो। उनकी फिल्में आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं। पार्थो घोष जी को नमन।

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