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सामना की धमक … कांदिवली का हाईवे खुला! …३ वर्षों से कछुआ चाल में बन रहा था समतानगर सबवे

-रोजाना २ से ३ किमी का दिनभर रहता था जाम
-परेशान पब्लिक ने किया था चुनाव बहिष्कार का एलान
-‘दोपहर का सामना’ में खबर छपते ही सरकार ने लिया संज्ञान
सामना संवाददाता / मुंबई
‘घाती’ सरकार के राज में मुंबई शहर की ट्रैफिक व्यवस्था हद से ज्यादा चौपट हो चुकी है। इसका सबसे प्रमुख कारण सरकार की लालफीताशाही और विभिन्न परियोजनाओं में बरती जानेवाली लापरवाही है। इसका सबसे प्रमुख उदाहरण कांदिवाली स्थित वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे का हिस्सा है। वहां पर पिछले ३ वर्षों से कछुआ चाल से समतानगर सबवे का निर्माण चल रहा है, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहता था। इस समस्या से नाराज स्थानीय निवासियों ने मतदान के बहिष्कार का एलान कर दिया। दोपहर का सामना ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद ‘घाती’ सरकार ने मामले का संज्ञान लिया और उसे कांदिवली हाईवे को खोलना पड़ा।
बता दें कि कांदिवली स्थित इस सबवे निर्माण के कारण नीचे जहां चौड़ीकरण की खुदाई होती थी, वहां के ऊपर स्थित हाईवे के एक हिस्से या लेन को ब्लॉक कर दिया जाता था। इससे ऊपर का रास्ता पतला हो जाता था। बॉटल नेक जैसी स्थिति बन जाने के कारण इससे वहां रोजाना दिनभर वाहनों की २ से ३ किमी लंबा जाम लगा रहता था। इससे मिनटों का सफर घंटों में तय हो रहा था।

इस सबवे निर्माण के कारण नीचे जहां चौड़ीकरण की खुदाई होती थी, वहां के ऊपर स्थित हाईवे के एक हिस्से या लेन को ब्लॉक कर दिया जाता था। इससे ऊपर का रास्ता पतला हो जाता था। बॉटल नेक जैसी स्थिति बन जाने के कारण इससे वहां रोजाना घंटों तक जाम लगा रहता।

नौ दिन चले ढाई कोस
३ वर्षों में सिर्फ ७५ज्ञ् पूरा हुआ
सबवे चौड़ीकरण का कार्य!
कांदिवली स्थित वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे का अवरोध हटने से वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है। पिछले तीन सालों से यहां काफी धीमी गति से सबवे को चौड़ा करने का काम चल रहा है। तीन वर्षों में इस सबवे चौड़ीकरण का कार्य सिर्फ ७५ फीसदी ही पूरा हुआ है। इस निर्माण कार्य के चलते ऊपर सड़क का लेन बंद कर दिया गया था, जिससे रोजाना कई किमी का घंटों तक जाम लगा रहता था। ‘दोपहर का सामना’ ने धमक दिखाते हुए इस खबर को प्रमुखता से छापा तो सरकार की नींद टूटी और उसने लेन की बेरिकेडिंग हटाकर हाईवे को पूरी तरह से खोल दिया। इससे इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है।
बता दें कि इस मार्ग के नीचे सबवे को चौड़ा किए जाने का काम गत ३ वर्षों से चल रहा था। समतानगर के साथ ही कुरार, इस्माइल युसुफ और पारसी पंचायत सबवे का काम भी शुरू हुआ था। पर सभी सबवे के काम काफी धीमी गति से चलने के कारण वाहन चालकों की परेशानी काफी बढ़ गई थी। इसमें समतानगर के इस सबवे ने सबसे ज्यादा परेशानी पैदा कर रखी थी। वैसे तो रोजाना ही यहां दिनभर जाम लगा रहता था, पर त्योहार के दिनों में तो इस मार्ग से गुजरना एक बड़ी सजा बन जाती थी। यहां लगनेवाले लंबे जाम के कारण वायु प्रदूषण के बढ़ जाने से स्थानीय निवासी भी परेशान हो गए थे। हाईवे के किनारे प्राइवेट बसों की पार्विंâग ने जाम की समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा दिया था। जानकारों के अनुसार, ३ सालों में समतानगर के सबवे का काम ७५ फीसदी ही पूरा हुआ है। करीब २५ फीसदी काम अभी भी बाकी है। अब ये काम कब पूरा होगा, इसे कहा नहीं जा सकता। जानकारों के अनुसार, इस सबवे को चौड़ा करने के लिए जो फंड आबंटित किया गया था, धीमी गति से काम होने के कारण वो खत्म हो चुका है इस कारण इसका निर्माण कार्य ठप पड़ गया है। अब यह काम का पूरा होगा, कहना मुश्किल है।

लोक लुभावन योजना में गए फंड
सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चुनाव को देखते हुए सरकार ने निर्माण कार्य के काफी फंड को लोक लुभावन योजनाओं की ओर घुमा दिया है, ताकि वोटर्स आकर्षित होकर उन्हें वोट दे सकें। मगर जिस तरह से विभिन्न परियोजनाओं के अटकने से लाखों लोगों की परेशानियां और नाराजगी बढ़ी हैं, उसका नतीजा चुनाव में देखने को मिलेगा। हालिया चुनाव सर्वे बता रहे हैं कि जनता ‘घाती’ सरकार से नाराज है और लाख कोशिशों के बावजूद महायुति का सूपड़ा साफ होना तय माना जा रहा है।

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