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मुंबई-गोवा महामार्ग की साढ़े साती… १७ सालों में भी नहीं हुआ काम पूरा

-नितिन गडकरी भी मान चुके हैं हार

-विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब सीएम ने दिया दो महीने का लॉलीपॉप

सामना संवाददाता / मुंबई

`इस महामार्ग की खराब सड़कों पर पिछले १३ वर्षों में २,५०० से ज्यादा लोगों की दुर्घटना में जान गई है। देश के इतिहास में यह महामार्ग सबसे लंबे समय तक निर्माणधीन है।’

पिछले १७ सालों से मुंबई-गोवा महामार्ग की बदहाली को लेकर सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। लोग इस महामार्ग की दुर्दशा को लेकर परेशान होकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। अब विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीएम शिंदे ने इसे दो महीने में पूरा करने का लॉलीपॉप दिया है।
बता दें कि पिछले १७ सालों में लगभग ८ हजार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसमें भाजपा शासन में पिछले १० वर्षों में ६ हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इतने खर्च के बाद भी यह महामार्ग अब तक अधूरा है। इस महामार्ग की खराब सड़कों पर पिछले १३ वर्षों में २,५०० से ज्यादा लोगों की दुर्घटना में जान गई है। अब इसके लिए फिर से मुख्यमंत्री ने नए प्रस्ताव की घोषणा की है। मुख्यमंत्री के अनुसार, लगभग ६० हजार करोड़ रुपए खर्च कर इसे कोकण एक्सप्रेस बनाने की बात कर रहे हैं। देश के इतिहास में यह महामार्ग सबसे लंबे समय तक निर्माणधीन है। इसे लेकर लोगों केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक को कई शिकायतें की जा चुकी हैं। गडकरी ने भी पहले दावा किया कि इसे जल्द बनाया जाएगा लेकिन बाद में वे भी हार मान गए।
बता दें कि एनएचएआई के मुताबिक, कुल ४७१ किलोमीटर लंबे इस महामार्ग में से ८४.६ किलोमीटर उसके जिम्मे है। बाकी राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे ने कहा कि साल २०१० से कोकण परिक्षेत्र के २,५०० से ज्यादा लोगों ने इस राजमार्ग पर अपनी जान गंवाई है, जो एक दशक से ज्यादा समय से निर्माणाधीन है। इसलिए यहां किए गए कामों पर श्वेतपत्र जारी होना चाहिए।
किसने कितना किया खर्च
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, इस महामार्ग पर एनएचएआई ने २०१३ से नई सड़क बनाने के लिए १,७७९ करोड़ ८५ लाख ५७ हजार ११० रुपए खर्च किया, जबकि मौजूदा सड़क की मरम्मत पर १४५ करोड़ ८२ लाख ३६ हजार ९२६ रुपए खर्च किए हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग ने शुरुआत में जानकारी देने में आनाकानी की लेकिन बाद में पेण विभाग ने जो जानकारी उपलब्ध कराई, उसके मुताबिक चार लेन के महामार्ग पर उसने २,३५४ करोड़ ७२ लाख ५० हजार रुपए खर्च किए। मुंबई-गोवा महामार्ग का सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के तत्कालीन मंत्री रविंद्र चव्हाण ने महामार्ग की मरम्मत में भी १९२ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। एनएचएआई के मुताबिक, उसने साल २०१८-२३ के बीच नई सड़क पर १,८१५ करोड़ ८५ लाख ५० हजार ९५९ रुपए खर्च किए जबकि २०११-२३ के बीच मरम्मत के काम पर ४६ करोड़ २० लाख ७९ हजार ४८३ रुपए खर्च किए।

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