सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई का सरकारी डेंटल कॉलेज व अस्पताल अब और हाईटेक हो गया है। इस अस्पताल में सेंसरी एडेप्टिव डेंटल एनवायरनमेंट (सेड) नामक अत्याधुनिक इलाज शुरू किया गया है। इसके जरिए बच्चों के दांतों का इलाज किया जाएगा। इसके साथ ही यह सुविधा मुहैया करानेवाला यह मुंबई का पहला अस्पताल बन गया है।
उल्लेखनीय है कि दांतों का इलाज कराने के लिए आने वाले रोगियों में एक अलग डर होता है। यह डर छोटे बच्चों में बहुत ज्यादा होता है। इसलिए छोटे बच्चे दांतों का इलाज कराने में आनाकानी करते हैं और वे आसानी से इलाज के लिए तैयार नहीं होते हैं। इसका उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। दूसरी ओर बच्चों के अपेक्षित सहयोग के बिना डॉक्टरों को भी उनके इलाज में परेशानियां होती हैं। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह पाया गया है कि यदि बच्चों की सभी ज्ञानेंद्रियों को मित्रतापूर्ण संवेदनाएं देते हैं तो वे शांत हो जाते हैं। इसके साथ ही उनके मन से डर भी कम हो जाता है। इसी डर को दूर करने के लिए डेंटल अस्पताल में बच्चों के विभाग में ‘सेड’ नामक नई संकल्पना चलाई गई है।
अत्याधुनिक प्रणाली है ‘सेड’
विभाग प्रमुख डॉ. डिंपल पाडावे ने कहा गया है कि सेड एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसे बाल रोगियों के दांतों का इलाज करते समय अधिक आरामदायक बनाने के लिए विकसित किया गया है। इसमें विशेष प्रकाश व्यवस्था का उपयोग किया जाता है, जिससे मरीजों को आरामदायक महसूस होता है। यह एक नरम और शांत ध्वनि वातावरण बनाता है। यह मरीजों के मन से डर को कम करने में मदद करता है। उपकरणों का उपयोग रोगी की संवेदनशीलता के अनुसार नियंत्रित किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप उपचार के दौरान दर्द कम होता है। मरीजों की सुविधा के अनुसार तापमान रखा जाता है, जिससे इलाज के दौरान उन्हें अधिक सहनीय महसूस होता है। दंत चिकित्सालयों में अस्पताल की गंध को कम करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं, जिससे मरीजों को आराम महसूस होता है।
सर्वे में भी पाया गया बेहतर
इस प्रणाली का इस्तेमाल अस्पताल द्वारा पिछले १५ माह से किया जा रहा है। इसके तहत १५० से अधिक बच्चों का इलाज किया जा चुका है। इसके अलावा ‘सेड’ उपचार प्रणाली के बारे में एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि ७१ फीसदी माता-पिता अपने बच्चे के उपचार से अधिक संतुष्ट थे। ६४ फीसदी बच्चों को यह उपचार पद्धति अधिक सुखद लगी। साथ ही ९५ फीसदी माता-पिता और बच्चों को उपचार का अनुभव पसंद आया।