रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
दिल्ली चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, भाजपा की सांसें फूलती जा रही हैं। मौजूदा चुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। पार्टी लगातार दिल्ली में आम आदमी पार्टी से हार रही है, जबकि भाजपा दिल्ली को छोड़कर पूरे के चुनाव जीतती आ रही है। दिल्ली का मौजूदा चुनाव भाजपा जीते जिसके लिए उनका शीर्ष नेतृत्व हर हथकंडे अपना रहा है। यही वजह है कि चुनाव प्रचार की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाली हुई है। तभी वह ताबड़तोड़ रैलियां राजधानी में कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री का चेहरा भी तय किया हुआ था, बस घोषणा होनी बाकी थी। मोदी दिल्ली में किसी महिला नेत्री को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाना चाहते हैं, लेकिन उनकी इस रणनीति में संघ ने अड़ंगा अड़ा दिया है। सूत्रों बताते हैं कि आरएसएस ने भाजपा को तल्ख लहजे में नागपुर से संदेश भिजवाया है कि बिना उनकी इजाजत और राय लिए दिल्ली चुनाव में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित न करें। इसको लेकर भाजपा-संघ में अंदरखाने विरोध के सुर उठने लगे हैं। हालांकि, इस सूचना पर सभी नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है। गुरुवार को भाजपा ने उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट भी जारी कर दी। संघ भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा, रमेश विधूड़ी व प्रवक्ता शहजाद पूनेवाला के बयानों को लेकर भी नाराज है।