सामना संवाददाता / मुंबई
बॉम्बे का मुंबई करने में मेरा योगदान है, यह कहनेवाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि तो क्या हम गोलियां खेल रहे थे? उन्होंने कहा कि हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने बॉम्बे का मुंबई करने और साइन बोर्ड मराठी में करने के लिए ५० वर्ष तक आंदोलन किया। हमारे कुछ अन्य दलों के सहयोगी इस मुद्दे को कोर्ट में ले गए। कई लोग इस लड़ाई में थे। अब आप मुंबई में आकर कहते हो कि बॉम्बे का मुंबई हमने किया। संजय राऊत ने कहा कि लोग इस बात पर क्या विश्वास करेंगे? मीडिया से बातचीत करते हुए संजय राऊत ने कहा कि १०५ शहीदों के बलिदान से मुंबई का निर्माण हुआ है। वे सभी शहीद भूमिपुत्र थे। जब-जब मुंबई पर इस तरह के हमले होंगे, तब-तब असंख्य शहादत देने की क्षमता महाराष्ट्र और असली शिवसेना में है। हमारी शिवसेना में आज भी मुंबई और भूमिपुत्रों के लिए बलिदान देने की तैयारी है। इस बात का ध्यान रखें। इस तरह की चेतावनी भी संजय राऊत ने दी।
बता दें, `लालबाग के राजा को भी गुजरात ले जाएंगे’, इस बयान पर हंगामा करनेवाली भाजपा को भी संजय राऊत ने फटकारा है। उन्होंने कहा कि मेरा बयान क्या था। हमें डर लगता है। गुजरात के व्यापारी मंडल और भाजपा महाराष्ट्र की राजधानी पर लगातार हमले कर रही है। मुंबई को खरोंचने की कोशिशें चल रही हैं। मुंबई में सभी बेहतरीन और अच्छी चीजें गुजराती व्यापार मंडल के लाभ के लिए गुजरात ले जाने की कोशिश की जा रही है। चाहे वह उद्योग हो, व्यापार हो या अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र हो। संजय राऊत ने कहा कि यही कारण है कि उन्होंने शिवसेना और राकांपा को तोड़ दिया, इसलिए हमें डर है कि जो कुछ भी गौरवशाली और प्रतिष्ठित है, उसे खत्म न कर दिया जाए।
सत्ता के बल पर कुछ भी ले जा सकते हैं
कल जब गृहमंत्री अमित शाह लालबाग के राजा के दर्शन करने आए तो हमें लगा कि कहीं लालबाग के राजा को अगले साल अमदाबाद तो लेकर नहीं चले जाएंगे ना…? इससे पहले भी अमित शाह कई बार मुंबई आए, लेकिन तब हमने यह मुद्दा नहीं उठाया। लेकिन अब भय बढ़ गया है, क्योंकि वे सत्ता के बल पर कुछ भी ले जा सकते हैं। संजय राऊत ने कहा कि यह तय है कि अजीत पवार की विधानसभा में हार होगी। अजीत पवार ने घर तोड़ दिया, पार्टी तोड़ दी। पिता की तरह शरद पवार ने उन्हें सबकुछ दिया, लेकिन उन्होंने उनकी पीठ में छुरा घोंपा, इसलिए अब पछताने से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि अमित शाह अब अजीत पवार और एकनाथ शिंदे के नेता हैं।