– डाॅ रवीन्द्र कुमार
पहले एक पहेली चलती थी तीतर के दो आगे तीतर… बस उसी तर्ज़ पर बुलडोजर के दो आगे बुलडोजर। बड़े-बूढ़े कहते रहे हैं सेर को सवा सेर मिल ही जाता है। बस तो बुलडोजर के पीछे एक बुलडोजर लग गया। वो भी शीर्ष कोर्ट का।
बुलडोजर भी गाता होगा:
जहां मैं जाता हूँ वहीं चले आते हो
चोरी-चोरी मेरे दिल में समाते हो
ये तो बताओ कि तुम मेरे कौन हो ?
यूं सियासत के पास चॉइस थी कि क्रेन लगाई जाये या बुलडोजर। क्रेन में क्या है कि माल उठवाया जा सकता है। पर बुलडोजर में जान-माल दोनों को क्षति पहुंचाई जा सकती है और पब्लिसिटी के लिए भी मुफीद है। पर कोरट ने इसका बुरा मान लिया है और हमारे बुलडोजर की पीछे-पीछे अपना एक बुलडोजर लगा छोड़ा। पहले बड़ा सुविधा था कहीं कोई विरोध का सुर उठे बुलडोजर की ड्यूटी लगा दो। वो अपने आप न्याय करेगा। पहले एक ‘हमुराबी कोड’ चलता था- “आँख के बदले आँख-दाँत के बदले दाँत”। पर हमारा बुलडोजर उससे आगे का सोपान है यहाँ हर चीज़ के बदले बुलडोजर। बोले तो सिंगल विंडो क्लियरेंस की तरह सिंगल बुलडोजर, न कोई वकील, न जज, न मुंसिफ़ न पेशकार, न तारीख पे तारीख। बस बुलडोजर गया (आपका न्याय आपके द्वार, द्वार क्या पूरा घर-बार) देखी सुनी है ऐसी अद्भुत अनूठी न्याय संहिता कहीं और? अब जो आई.पी.सी. की जगह बी.एन.एस. लागू हुई है, आपको क्या लगता है ‘बी’ से क्या बनता है ? यह हमारे देश की ईज़ाद है। आपने बुलडोजर के इन उपयोगों को देखा ही नहीं। इसीलिए तो कहते हैं इंडिया बिगिनर्स के लिए नहीं। हम डेमोक्रेसी की माॅम हैं। और माॅम सब जानती है।
अब विचार यह है कि एक अदद बुलडोजर पार्टी का गठन किया जाये। बुलडोजर के छोटे-छोटे मिनी मॉडल बना कर शहर-शहर, मोहल्ले- मोहल्ले बांटे जाएँगे। अपना झण्डा भी बुलडोजर के चित्र वाला होगा। देखिये हमने विदेश से आए बुलवर्कर को दिलोजान से अपनाया था इसी तरह मुझे पूरा विश्वास है कि बुलडोजर को भी भारतवासी अपनाएँगे। कहीं कुछ भी गड़बड़ हुई बुलडोजर जाएगा और मिनटों में सब ठीक कर आयेगा। फर्ज़ करो कहीं रोड जाम है….बुलडोजर भेजो सब आनन-फानन में लेवल कर आएंगे। उसी तरह समझो कोई आंदोलन हो रहा है चढा दो बुलडोजर। मिनट से पहले आंदोलनकारी भागते नज़र आएंगे। सीमा पर बुलडोजर रखे जाएँगे। सर्जीकल स्ट्राइक के बाद अब देखो मेरा बुलडोजर स्ट्राइक। टोल टैक्स देने में बहुत मच-मच रहती है जो टोल टैक्स देने में आनाकानी करे बुलडोजर देख लेगा। बुलडोजर एक गेम चेंजर साबित होगा। दबंग लोग भी घर के आगे एस.यू.वी. और थार की जगह बुलडोजर पार्क किया करेंगे। बुलडोजर को इतनी इज्ज़त, इतना सम्मान और इतनी बड़ी भूमिका शायद ही पहले कभी मिली हो। क्या समां रहेगा। पार्टी के कार्यकर्ता, पार्टी के ऑफिस बेयरर बुलडोजर पर आया-जाया करेंगे। शादी-ब्याहों में बुलडोजर की धूम रहा करेगी। बुलडोजर दहेज में लिए-दिये जाया करेंगे।
बुलडोजर ज़िंदाबाद ! वोट फॉर बुलडोजर !