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सावन के झूले पड़े…महिलाओं ने गाईं कजरी…मनाईं तीज…’तीज क्वीन’ बनीं रीता, अनुपम रनर

विक्रम सिंह / सुल्तानपुर

सावन के महीने में हिंदीभाषी प्रदेशों खासकर पूर्वी यूपी के गांव गिरांव में कजरी गीतों के गायन और झूला झूलने की सदियों से चली आ रही परंपरा यहां की लोक संस्कृति में रच-बस गई है। खासकर तीज के अवसर पर इसे उत्साहपूर्वक मनाने की परंपरा आधुनिकता के इस दौर में आज भी खूब निभाई जा रही है। यूं तो कजरी तीज का पर्व अभी दो दिन दूर है, लेकिन इस उत्सव को मनाने की शुरुआत हो चुकी है। शनिवार को अवध के सुल्तानपुर शहर में स्थित गोमती हॉस्पिटल परिसर में कजरी तीज महोत्सव महिलाओं ने उल्लासपूर्वक मनाया। सैकड़ों महिलाओं का जमावड़ा हुआ और सभी ने कजरी तीज गाईं, झूला झूलने की परंपरा निभाईं। साथ ही विविध कार्यक्रम हुए, जिसमें ‘तीज क्वीन’ प्रतियोगिता आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही। अस्पताल निदेशक पल्लवी वर्मा के संयोजन में महिलाओं ने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं एवं व्रत के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह त्योहार पूर्वांचल की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। महिलाएं विशेष गीत और नृत्य प्रस्तुत करती हैं। यह त्योहार परिवार के महत्व को दर्शाता है। महिलाएं अपने परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। नए वस्त्र पहनती हैं, विशेष भोजन तैयार करती हैं और अपने परिवार के साथ मिलकर त्योहार का आनंद लेती हैं। इसी क्रम में आयोजित ‘तीज क्वीन प्रतियोगिता’ में रीता शर्मा ‘क्वीन’ चुनी गईं, जबकि अनुपम ‘रनर अप’ रहीं। महोत्सव में विविध प्रकार के मनोरंजक खेलों के भी आयोजन हुए, जिनमें प्रमुख रूप से ममता पांडे, गीता सिंह, हीरा सिंह व अंजू सिंह आदि प्रतिभागियों की उपस्थिति रही।

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