मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाकुछ बोलो बतियाओ भाई

कुछ बोलो बतियाओ भाई

कुछ बोलो बतियाओ भाई।
मौसम नया बनाओ भाई।।
रक्षाबंधन के मौसम में।
खुद को कुछ समझाओ भाई।।
ऊपर से आदेश हुआ है।
प्रेम सुधा बरसाओ भाई।।
मौसम भी तो बोल रहा है।
बहुत हुआ झुक जाओ भाई।।
आज लौटकर अपने घर को।
जल्दी वापस आओ भाई।।
नाच तमाशा नाटक छोड़ो।
नया गीत कुछ गाओ भाई।।
शांति पाठ भी बड़ा पाठ है।
उसको अब अपनाओ भाई।।
बहुत दूर तुम निकल गए हो।
अब मत आगे जाओ भाई।।
लौटो रक्षाबंधन आया।
राखी तुम बंधवाओ भाई।।
खैर इसी में देख रहा हूं।
अब मत बात बढ़ाओ भाई।।
चलो अमंगल दूर हटाकर।
कुर्सी-कुर्सी गाओ भाई।।
कुछ बोलो बतियाओ भाई।
मौसम नया बनाओ भाई।।
अन्वेषी

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