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राजदंड: नए संसद भवन के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री मोदी का दंडवत, महिला पहलवानों को पुलिस ने घसीटा

सामना संवाददाता / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल नए संसद भवन का उद्घाटन किया। महात्मा गांधी की स्मृति वंदना और हवन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन में प्रवेश किया। विधिवत पूजा के बाद लोकसभा अध्यक्ष की सीट के बगल में ऐतिहासिक सेंगोल (राजदंड) स्थापित किया गया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राजदंड को प्रणाम किया। इस अवसर पर तमिलनाडु के पुजारियों ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मौजूद थे।
सेंगोल के नाम से जाना जाने वाला राजदंड स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है। अंग्रेजों ने १४ अगस्त १९४७ को सत्ता हस्तांतरण के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू को यह राजदंड सौंप दिया था। कई वर्षों से यह राजदंड प्रयागराज के संग्रहालय में रखा हुआ था। राजदंड मदुराई मठ के मुख्य पुजारी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा गया था। उसके बाद कल विधिवत पूजा अर्चना कर उसे स्थापित किया गया।
राजदंड की स्थापना के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने श्रमयोगियों को सम्मानित किया, इसके बाद सर्व धर्म की प्रार्थना सभा हुई। दोपहर १२ बजे के बाद दूसरे सत्र के कार्यक्रम में सांसद व विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हुए। इस मौके पर नए संसद भवन व सेंगोल पर लघु फिल्म दिखाई गई और ७५ रुपए का नया सिक्का भी जारी किया गया।
भाजपामय समारोह
विपक्षी दलों की मांग थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाए लेकिन चूंकि उद्घाटन राष्ट्रपति ने नहीं किया इसलिए कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सहित १९ विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया।
देशवासियों के सपनों का प्रतिबिंब
आज का दिन देश के लिए अस्मर्णीय दिन है। यह सिर्फ एक इमारत नहीं बल्कि १४० करोड़ जनता की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। मोदी ने इस मौके पर कहा कि हमारे लोकतंत्र का यह मंदिर दुनिया को भारत के संकल्प का संदेश देता है। भारत लोकतंत्र ही नहीं, लोकतंत्र का जन्मस्थान भी है।

जंतर-मंतर पर ‘दंगल’, प्रदर्शनकारियों के तंबू उखाड़े,
पुलिस का बल प्रयोग,
देशभर में आक्रोश

एक तरफ नई संसद का उद्घाटन हो रहा था, वहीं दूसरी ओर आंदोलन कर रहे महिला पहलवानों पर पुलिस के द्वारा बल प्रयोग किए जाने की खबरें सामने आई है। पुलिस ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन कर रही महिला पहलवानों पर लाठीचार्ज किया। साक्षी मलिक का आरोप है कि पहलवानों को घसीटकर ले जाया गया। मुझे भी घसीटा गया, जिससे मुझे चोटें आई हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जंतर-मंतर पर हुई पुलिस और पहलवानों की दंगल में महिला पहलवानों को घसीटा गया। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों के तंबू भी उखाड़ दिए गए। पुलिस की इस बर्बरता से देशभर में आक्रोश व्याप्त हो गया है।
बता दें कि पुलिस ने देश के तिरंगे को समंदर पार फहराने वाली महिला पहलवानों के विरोध को कल बल प्रयोग कर कुचलने का काम किया गया। कल जब पहलवानों ने बैरिकेड्स को पार करने और नए संसद भवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, तो पुलिस द्वारा उन्हें पकड़ लिया गया और घसीटा गया। बजरंग पुनिया, विनेश फोगट और साक्षी मलिक को पुलिस एक वैन में ले गई। ऐसे में इस अत्याचार के खिलाफ पूरे देश में गुस्से की लहर है। ये पहलवान २३ अप्रैल से भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर यौन आरोप लगा रहे हैं।

राज्याभिषेक होते ही अहंकारी राजा प्रजा की आवाज को कुचलने लगा- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहलवानों के विरोध को कुचलने के लिए बल प्रयोग पर रोष व्यक्त किया। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार की साजिश है। राजा का राज्याभिषेक खत्म हो गया है और अहंकारी राजा ने अब सड़कों पर जनता की आवाज को कुचलने की शुरुआत की है।

नई संसद में धर्मकांड
देश कई साल पीछे चला गया है – शरद पवार

पूजा, हवन और मंत्रोच्चारण के बीच नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया। इस समारोह पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने आपत्ति जताई। संसद में आज धर्मकांड शुरू हो गया है। ऐसे में आधुनिक भारत की नेहरू की संकल्पना कहीं पीछे छूट तो नहीं गई, इस बात की चिंता होने लगी है। हमारा देश कई साल पीछे चला गया है, ऐसी तीव्र प्रतिक्रिया पवार ने दी।
पवार ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने विज्ञान पर आधारित समाज बनाने की अवधारणा पेश की थी लेकिन आज वहां जो हुआ है, वह इसके बिल्कुल विपरीत है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति को आमंत्रित करना उनकी जिम्मेदारी थी, क्योंकि संसद का कोई भी कार्य राष्ट्रपति की उपस्थिति में, राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होता है। राज्यसभा का मुखिया उपराष्ट्रपति होता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष को देखकर खुशी हुई, लेकिन राज्यसभा के अध्यक्ष उपराष्ट्रपति हैं, उनकी उपस्थिति नहीं दिखी। ऐसे में क्या यह पूरा कार्यक्रम केवल सीमित लोगों के लिए ही था? ऐसा सवाल पवार ने किया है।
न्योता हम तक नहीं पहुंचा
उन्होंने कहा कि नई संसद के उद्घाटन समारोह का न्योता मेरे पास नहीं पहुंचा। मुझे पता नहीं कि नई संसद बनाने का पैâसला क्यों लिया गया। इस बारे में केंद्र सरकार ने हमसे सीधी बातचीत भी नहीं की। नई संसद की आवश्यकता है या नहीं, इस पर संसद में कभी चर्चा नहीं हुई। हम जैसे लोगों को पता भी नहीं था कि नई संसद बनाने की योजना बनाई गई है। पवार ने कहा कि अच्छा होता यदि सभी इस महत्वपूर्ण काम में शामिल होते।

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