• डीएनए की रिवर्स एजिंग पर रिसर्च जारी है
• बूढ़े चूहों की उम्र पलटकर बना दिया युवा
सामना संवाददाता / मुंबई
सदियों से हर इंसान की ख्वाहिश है कि काश, वह नहीं मरता। अमर हो जाता। मगर इंसान के साथ ही हर जीव का अंत होता ही है। मगर कुछ वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद संकेत दिया है कि अमर होना ज्यादा मुश्किल नहीं है। उनके अनुसार अगर २०४५ तक आप जिंदा रहे तो फिर अमर होने के चांस हैं। असल में तब तक इन वैज्ञानिकों का रिसर्च पूरा हो जाएगा।
अमर होने का तरीका तो वैज्ञानिक काफी समय से खोज रहे थे, अब उन्होंने २०४५ की डेडलाइन दी है, जिसके बाद हर इंसान अमर हो सकेगा। वो हमेशा के लिए दुनिया में रह सकता है। इस पर काम भी शुरू हो चुका है। वैसे यह थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि ये सभी मानते हैं जिसने जन्म लिया उसकी मौत भी होगी ही। इंटरनेशनल नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन-ह्यूमेनिटी प्लस के साइंटिस्ट डॉक्टर जोस कॉर्डिरो का ये दावा है कि कुछ ही सालों बाद हमारे पास अमरता का सीक्रेट खुल चुका होगा। उनके अनुसार साल २०३० में जीवित लोग साल-दर-साल अपनी उम्र बढ़ा सकेंगे और २०४५ के बाद वैज्ञानिक जमात लोगों को अमर बनाना शुरू कर देगी। ये वैâसे होगा, इस पर फिलहाल वैज्ञानिक ने खुलकर कुछ नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें रोबोटिक्स और एआई की मदद ली जा सकती है। उनकी मदद से उम्र बढ़ती चली जाएगी और फिर एक समय ऐसा आएगा, जब इंसान सदियों तक जी सकेगा।
डॉ. कॉर्डिरो ने इस पर तर्क देते हुए कहा कि पहले औसत उम्र कम हुआ करती थी, लेकिन अब बढ़ चुकी है। जैसे साल १८८१ के आसपास हिंदुस्थान में औसत आयु सिर्फ २५.४ साल थी। वहीं २०१९ में ये बढ़कर ६९.७ साल हो गई। इसी फॉर्मूला पर डीएनए की एजिंग को रिवर्स एजिंग में बदल दिया जाएगा। डॉ.कॉर्डिरो के दावे के पीछे हार्वर्ड और बोस्टन की लैब में हुआ वो शोध है, जिसमें बूढ़े चूहों की उम्र पलटकर उन्हें युवा बना दिया गया। यहां तक कि उम्र के कारण कमजोर पड़ी नजर भी ठीक हो गई। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और बोस्टन यूनिवर्सिटी के इस जॉइंट शोध को वैज्ञानिक पत्रिका ‘सेल’ में जगह मिली। इस बारे में शोधकर्ता डेविड सिनक्लेअर ने साफ कहा कि उम्र रिवर्सिबल प्रोसेस है, जिसके साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। ‘सेल’ में प्रकाशित इस शोध का नाम है, ‘लॉस ऑफ एपिजेनेटिक इंफॉर्मेशन एज कॉज ऑफ मैमेलियन एजिंग’। लैब में चूहों पर हुए इस प्रयोग में साफ दिखा कि एज को पीछे लौटाकर उसे युवा बनाया जा सकता है।