सामना संवाददाता / नई दिल्ली
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा इंजेक्शन तैयार किया है, जो करोड़ों लोगों की हाई बीपी की समस्या से मुक्ति दिला सकता है। दिलचस्प बात यह है कि इस इंजेक्शन को साल में दो ही बार लगाने की जरूरत पड़ेगी। डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में १.२८ अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। इनमें से ७० करोड़ लोगों को पता भी नहीं कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है। जब किसी अन्य परेशानियों में वे डॉक्टर के पास जाते हैं या लक्षण बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तब पता चलता है कि उन्हें हाइपरटेंशन है। हाई बीपी की दवा से इसे नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन यह रोजाना खाना होता है।
छह महीने में एक इंजेक्शन
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह इंजेक्शन उन लाखों लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है, जिन्हें लगातार हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझना पड़ता है और उन्हें हर रोज टैबलेट खाना पड़ता है। इंजेक्शन लगा लेने के बाद रोजाना टैबलेट खाने की जरूरत नहीं होगी। इस इंजेक्शन का नाम जिलेबेसिरन है। इसे हर छह महीने में लगाने की जरूरत होगी। शोधकर्ताओं ने हाई ब्लड प्रेशर के शिकार १०० से अधिक लोगों पर इस इंजेक्शन का ट्रायल किया, जो बेहद सफल रहा है।
अभी भी रिसर्च जारी
क्लिनिकल ट्रायल में हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे ८० लोगों को जिलेबेसिरन इंजेक्शन लगाया गया, जबकि ३० लोगों को प्लेसिबो (नकली इंजेक्शन) दिया गया। जिन लोगों को असली इंजेक्शन दिया गया, उनमें ६ महीने तक बीपी एकदम नीचे आ गया। इन लोगों का ६ महीने तक बीपी नॉर्मल रहा। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह इंजेक्शन एंजियोटेंसिन के प्रोडक्शन को रोक देता है। एंजियोटेंसिन प्रोटीन हार्मोन है, इससे ब्लड वैसल्स पतली हो जाती है और इस कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रारंभिक ट्रायल में अपेक्षित परिणाम सामने आया है।