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इर्शालवाड़ी में तलाशी अभियान बंद, ५७ से अधिक लोग हैं लापता, लापता लोगों को किया जाएगा मृत घोषित, गांववालों से चर्चा के बाद प्रशासन का निर्णय

सामना संवाददाता / रायगढ़
खालापुर तालुका के इर्शालवाड़ी गांव में बुधवार रात को भूस्खलन की चपेट में काफी घर आ गए। इस हादसे में अब तक २९ लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को तीसरे दिन एनडीआरएफ और बचाव दल ने मलबे से तीन शव निकाले। रविवार को सर्च अभियान के दौरान एक भी शव नहीं निकाला गया है, जबकि ५७ के करीब लोग अभी भी लापता हैं। लेकिन बारिश की तीव्रता बढ़ने के कारण बचाव कार्य को रोकने का पैâसला लिया गया है।
रायगढ़ जिले की खालापुर तहसील में इर्शालगड पहाड़ी पर स्थित आदिवासी गांव में बुधवार रात भूस्खलन हुआ था। इसकी चपेट मे ४३ मकान आए थे, जिसमें से १७ मकान पूरी तरह से मलबे में दब गए। इस घटना की जानकारी गांव के युवकों द्वारा सरपंच और स्थानीय पुलिस को दिए जाने के बाद सुबह पांच बजे के करीब बचाव अभियान शुरू किया गया। पिछले चार दिनों से लगातार बचाव अभियान शुरू है। इस बचाव अभियान के दौरान २९ शव अभी तक निकाले गए हैं, जबकि ५७ के करीब लोग अभी भी लापता हैं। चार दिन चले इस रेस्क्यू अभियान के बाद रविवार शाम को इसे बंद कर दिया गया। बचाव अभियान में मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, क्योंकि गांव तक जाने के लिए कोई पक्की सड़क न होने के कारण वहां मिट्टी की खुदाई करनेवाले यंत्रों को ले जाना आसान नहीं है। ऐसे में रविवार को प्रशासन और गांववालों के साथ बैठक के बाद सर्च अभियान रोकने का पैâसला लिया गया है। अभी भी ५७ के करीब लोग लापता है, जिन्हें प्रशासन की तरफ से मृत घोषित किया जानेवाला है। इसके साथ ही बचाए गए १४४ लोगों का जल्द से जल्द पुनर्वास किया जाएगा। इस बचाव कार्य में एनडीआरएफ की चार टीमें, कुल १०० कर्मी, टीडीआरएफ के ८० कर्मी, स्थानीय बचाव दल की ५ टीमें और कई एनजीओ के स्वयंसेवक बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं।

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फेक आलिया