सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा को देश और राज्य में पराजय दिखाई दे रही है। इसीलिए वह ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ जैसे फंडे ला रहे हैं। इससे साबित होता दिखाई दे रहा है कि भाजपा की भविष्य में नो इलेक्शन की नीति है। इस तरह का जोरदार हमला करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ संविधान विरोधी है, जो देश के लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में शिंदे, फडणवीस और अजीत पवार की तिकड़ी की पराजय निश्चित है।
मीडिया से बातचीत में सांसद संजय राऊत ने कहा कि वे तीन वर्षों से मनपा चुनाव नहीं करा पाए हैं। यह आश्चर्य की बात है कि मणिपुर से भाग रही सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का फंडा ला रही है। उन्होंने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक है और हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हर प्रांत, भाषा, संस्कृति अलग है। अनेकता में एकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण किया है। अब वे उस संविधान को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। संजय राऊत ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की एक ही समय में ईवीएम या सिस्टम का दुरुपयोग करके केंद्र और राज्य चुनाव जीतने की साजिश है।
पहले एकसाथ मनपा और राज्य का कराएं चुनाव
संजय राऊत ने कहा कि भाजपा को पहले मनपा और राज्य चुनावों को एकसाथ करके दिखाएं। इस नीति के जरिए भविष्य में ‘नो इलेक्शन’ उनका नारा होगा, जिसकी यह शुरुआत है। भाजपा की ऐसी नीतियां देश के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए ‘नो नेशन, नो इलेक्शन’ लाया जा रहा है। संजय राऊत ने कहा कि हम इंडिया गठबंधन के नेता एक साथ बैठकर इस पर चर्चा करेंगे। बिल आने से पहले संसद में चर्चा की जाएगी। भाजपा का प्रत्येक निर्णय संविधान के लिए चुनौतीपूर्ण है। संविधान में सभी प्रावधान लोकतंत्र के लिए आवश्यक हैं। संजय राऊत ने कहा कि मोदी सरकार हमारे संविधान पर हमला कर रही है।
मोदी और भाजपा न लाए नया संविधान
कहा जा रहा है कि यह फंडा चुनाव में होनेवाले खर्च से बचने के लिए लाया गया है, जिस पर संजय राऊत ने कहा कि मोदी को अर्थशास्त्र कब से आने लगा। वे अर्थशास्त्री कब से बन गए? ये चुनाव कई सालों से होते आ रहे हैं, जो लोकतंत्र और देश के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए संविधान निर्माताओं ने इसका प्रावधान किया है। मोदी और भाजपा को नया संविधान या नया कानून नहीं लाना चाहिए। ये उनका स्वार्थ है।
राष्ट्र विरोधी है यह कृत्य
संजय राऊत ने कहा कि यह राष्ट्र विरोधी कृत्य है। वे एक साथ चुनाव जीतना चाहते हैं। हालांकि, इससे देश को कोई फायदा नहीं है। हम इसके खिलाफ हैं, क्योंकि यह देश की एकता, संस्कृति और लोकतंत्र के खिलाफ है। अगर वे कहते हैं कि चुनाव में पैसा खर्च होता है तो सबसे पहले उन्हें देश में चल रहे भ्रष्टाचार और डवैâती को रोकना चाहिए। चुनावी खर्च लूट नहीं, लोकतंत्र की जरूरत है।
बंद करनी होगी चहेते उद्योगपतियों के लिए चल रही लूट
संजय राऊत ने कहा कि चहेते उद्योगपतियों के लिए चल रही लूट को बंद करना होगा। महाराष्ट्र में हर टेंडर में घोटाला हुआ है। मुंबई, पुणे, नागपुर जैसी महानगर पालिकाओं में प्रशासकों के माध्यम से लूट चल रही है। उन्होंने हमला बोला कि इस लूट को बरकार रखने के लिए ही मनपा चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं।