- ६५ करोड़ प्रकाशवर्ष है दूर
ब्लैक होल अंतरिक्ष की एक ऐसी पहेली है, जिसे अभी तक नहीं सुलझाया जा सका है। ब्लैक होल को आसान शब्दों में समझना हो, तो हमारे ब्रह्मांड में ऐसी जगहें हैं, जहां फिजिक्स का कोई नियम काम नहीं करता। वहां सिर्फ गुरुत्वाकर्षण और घना अंधेरा है। ब्लैक होल्स का गुरुत्वाकर्षण इतना पावरफुल होता है, कि उसके असर से रोशनी भी नहीं बचती। जो भी चीज ब्लैक होल के अंदर जाती है, वह बाहर नहीं आ सकती। अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसे विशालकाय ब्लैक होल का पता लगाया है, जिसने अपनी दिशा बदल ली है और उसका डायरेक्शन पृथ्वी की ओर है। रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है। उन्होंने एक गैलेक्सी यानी आकाशगंगा को पुनर्वर्गीकृत किया है, जो करीब ६५ करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है। इसका नाम ‘पीबीसी जे२३३३.९-२३४३’ है। यह हमारी आकाशगंगा से लगभग ४० गुना बड़ा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पीबीसी जे२३३३.९-२३४३ आकाशगंगा ने अपनी दिशा ९० डिग्री तक बदल ली है और अब सीधे पृथ्वी की ओर आ गई है। वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा की स्टडी की, क्योंकि वह अजीब व्यवहार कर रही थी। वैज्ञानिकों को लग रहा था कि आकाशगंगा के ब्लैक होल ने अपनी दिशा बदल ली है, लेकिन अपने अनुमान को निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों को कई अवलोकन करने पड़े।
पृथ्वी पर कितना खतरा?
चूंकि इस ब्लैकहोल का मुंह पृथ्वी की ओर है तो यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या इससे हमें कोई खतरा है। अभी तक वैज्ञानिक यह नहीं जान पाए हैं कि आकाशगंगा के ब्लैक होल की दिशा में परिवर्तन क्यों हुआ है? अब इसका हमारी पृथ्वी या आकाशगंगा पर क्या असर होगा, यह भी नहीं पता चल पाया है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दिशा बदलनेवाली आकाशगंगा शायद किसी और आकाशगंगा से टकराई होगी, जिसके कारण उसकी दिशा बदल गई हो सकती है।