– परिजनों ने उठाया इलाज का खर्च
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की शिंदे सरकार किसानों, आंगनवाड़ी सेविकाओं आदि के ठगने के बाद अब गोविंदा टीमों को भी ठगने से बाज नहीं आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऊंची दही हंडी तोड़ने के लालच में बनाए गई पिरामिडों के गिरने से घायल हुए एक भी गोविंदा को अभी तक बीमा का एक भी रुपया नहीं मिला है। राज्य सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर गोविंदा को बीमा कवर मुहैया कराया था, लेकिन त्योहार के बाद बीमा कवर दिलाने के लिए की अरुचि के कारण गोविंदाओं के परिजनों को इलाज का खर्च उठाना पड़ा।
२७ अगस्त को मुंबई-ठाणे समेत पूरे राज्य में दहा rहंडी उत्सव मनाया गया। गाोविदाओं के लिए पुरस्कार राशि रखी गई। हालांकि, पुरस्कार राशि पाने की कोशिश में, कई छोटे गोविंदा पथकों के पिरामिड गिरने से कई गोविंदा घायल हो गए।
राज्य गोविंदा दहीहंडी एसोसिएशन ने ९२२ टीमों से ७५ हजार, वसई-विरार मनपा ने ९९ टीमों से ६०००, दहीहंडी एसोसिएशन ने ५१ टीमों से २,८१८ और सीधे तौर पर आई २५२ टीमों से १६ हजार ३२० लोगों को बीमा सुरक्षा प्रदान की। इसके लिए राज्य सरकार ने ५६ लाख २५ हजार रुपए खर्च किए। सरकार ने गोविंदा एसोसिएशन के माध्यम से यह फंड ‘ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी’ के पास जमा किया। गोपालकाला के दिन २४५ गोविंदा सरकारी, निजी व मनपा अस्पतालों में इलाज के लिए आए। इनमें से २१३ गोविंदाओं का इलाज कर उन्हें घर भेज दिया गया। फर्श पर गिरने से गंभीर रूप से घायल हुए ३२ गोविंदाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया। १२० गोविंदाओं ने
ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को बीमा दावा प्रस्तुत किया है। आवश्यक दस्तावेज जमा किए गए हैं। इसके बावजूद संबंधित गोविंदाओं को बीमा राशि नहीं मिल पाई है।