– लगा रु. १.५० करोड़ का जुर्माना
– दक्षिण मुंबई में सबसे ज्यादा गंदगी
सामना संवाददाता / मुंबई
महानगर मुंबई में साफ-सफाई अभियान को सफल बनाने में शिंदे सरकार फेल हो रही है। तमाम तरह के विज्ञापन देकर और अभियान चलाकर लोगों को जागृत करने की योजना भले ही सरकार चला रही है, लेकिन वह सही तरीके से लोगों तक पहुंच नहीं पा रही है। जागरूकता के अभाव में लोग सड़कों पर थूक रहे हैं और सड़कों को गंदा कर रहे हैं। दक्षिण मुंबई सबसे ज्यादा गंदा है। सबसे ज्यादा लोग दक्षिण मुंबई में ही थूकते हुए पकड़े गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पिछले चार महीने में थूककर गंदगी पैâलाने के मामले में १.५ करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया और इसके तहत ५३ हजार से अधिक लोगों पर कार्रवाई हुई है। इसमें सबसे ज्यादा जुर्माना थूकने के लिए लगाया गया है। सबसे ज्यादा जुर्माना ‘ए’ वार्ड में लगाया गया है, जिसमें चर्चगेट, कोलाबा, नेवी नगर और अन्य शामिल हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, थूकने के लिए सबसे ज्यादा जुर्माना लगाया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा जुर्माना ‘ए’ वार्ड में लगाया गया है। इसमें चर्चगेट, कोलाबा, नेवी नगर और अन्य शामिल हैं। कामकाजी क्षेत्र होने की वजह से यहां अस्थायी आबादी ज्यादा है। अधिकारी ने बताया कि सबसे ज्यादा जुर्माना थूकने और गंदगी पैâलाने वालों पर लगाया गया। इसके अलावा, स्वच्छ अभियान कार्यक्रम के तहत अपने परिसर को साफ रखने में विफल रहनेवालों से भी बहुत अधिक जुर्माना वसूला गया है। इस बीच, कचरे को अलग-अलग न करनेवाले थोक कचरा उत्पन्न करनेवाले संस्थानों पर भी कई जुर्माने लगाए गए हैं।
बता दें कि मुंबई में सबसे पहले २००७ में मार्शल की शुरुआत की गई थी और अप्रैल २०२२ से शहर बिना किसी क्लीन-अप मार्शल के चल रहा है। अब फिर से दो साल के अंतराल के बाद अप्रैल महीने से मुंबई की सड़कों पर सफाई मार्शलों की वापसी कराई गई। मनपा ने पिछले चार महीनों में शहर के २४ वार्डों में ८५८ सफाई मार्शलों को तैनात किया था, जिन्हें निजी एजेंसियों के माध्यम से काम पर लगाया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी पैâलाने से लेकर पेशाब या शौच आदि करनेवालों पर सार्वजनिक स्वच्छता का उल्लंघन करने के लिए दंड लगाने का अधिकार इन्हें दिया गया। गंदगी पैâलाने वालों पर १०० रुपए से १,००० रुपए तक का जुर्माना लगाने का अधिकार संस्था को दिया गया है।