सामना संवाददाता / मुंबई
एसटी कर्मचारियों के वेतन का मामला गंभीर हो गया है। कर्मचारियों का वेतन निश्चित तारीख पर प्राप्त नहीं हो रहा है। कर्मचारियों को महीने के सातवें दिन वेतन मिलना मुश्किल हो गया है। इससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी जताई जा रही है। एसटी के ८७ हजार कर्मचारियों का वेतन पिछले ४ दिनों से लटका हुआ है।
क्या है मुद्दा
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के ८७ हजार कर्मचारियों और अधिकारियों को वर्षों से हर महीने की ७ तारीख को वेतन मिलता रहा है, लेकिन हाल ही में कोरोना के कारण उन्हें समय पर वेतन नहीं मिला है। उस वक्त कोर्ट में वेतन पर हुई बातों के बाद एसटी ने तय किया था कि वेतन समय अनुसार महीने की ७ तारीख को मिल जाया करेगा, परंतु इस बार हुई देरी ने फिर दर्शाया है कि एसटी ने कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है।
क्यों हो रही है वेतन में देरी
महीने की दस तारीख बीत जाने के बावजूद वेतन नहीं मिला है, इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए महाराष्ट्र एसटी वर्कर्स कांग्रेस के महासचिव श्रीरंग बर्गे ने बताया कि एसटी द्वारा अभी राज्य सरकार को पैसेंजर टैक्स चुकाना है, जिसके लिए एसटी को ७८० करोड़ रुपए भरने है, जिसके बाद सरकार एसटी कर्मचारियों के वेतन देने का विचार करेगी। लेकिन अभी तक एसटी के अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की हरकत नहीं देखी जा रही है।