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शिंदे सरकार का ‘सुपर’ वादा, तीन प्रतिशत काम, समय बीत गया आधा! १८ महीनों में बनाने का लक्ष्य, धीमी गति से चल रहा है कार्य

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
ठाणे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जिला सिविल अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की इमारतों का निर्माण कार्य कछुआ गति से भी धीमे चल रहा है। इस परियोजना को शुरू हुए पांच महीने यानी करीब आधा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इसका केवल तीन प्रतिशत ही काम पूरा हो सका है। फिलहाल, अस्पताल की इमारतों का निर्माण १८ महीनों में पूरा करना है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि शिंदे सरकार के ‘सुपर’ वादे वाली इस परियोजना को क्या दी गई अवधि में पूरा करना संभव है, क्योंकि जिस रफ्तार से अस्पताल का काम चल रहा है, उसे देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि वह १८ महीनों में पूरा हो पाएगा।
नाममात्र भी नहीं हुआ है काम
मुख्यमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का बीते पांच महीनों से काम किया जा रहा है। इसके तहत अस्पताल की पुरानी-जर्जर हो चुकी इमारतों को गिराकर वहां अब नए टावरों का निर्माण शुरू किया गया है। फरवरी महीने में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की इमारतों का निर्माण किए जाने के लिए भूमिपूजन कर काम तो शुरू कर दिया गया, लेकिन अभी तक केवल तीन फीसदी ही काम पूरा हो पाया है।
९०० बेड का बन रहा अस्पताल
सिविल सर्जन डॉ. वैâलाश पवार ने कहा कि यहां ९०० बेड वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बन रहा है, जिसमें २०० प्रसूति और २०० सुपर स्पेशियलिटी बेड होंगे, जबकि ५०० सामान्य बेड होंगे। साथ ही हर विभाग में दो अलग-अलग आईसीयू वॉर्ड बनाए जाएंगे। अस्पताल में यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, ओंको सर्जरी सेक्शन, कार्डियोलॉजी, कार्डियो वैस्कुलर सेक्शन, नेप्रâोलॉजी और डायलिसिस सेक्शन का विस्तार किया जाएगा।
दो टावरों का होगा निर्माण
पीडब्ल्यूडी विभाग के अभियंता डॉ. अनिरुद्ध पाटील के अनुसार, दो सिविल अस्पताल परिसर में चार इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। इसमें दो मंजिले बेसमेंट के साथ दस मंजिल के दो टावरों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही एक सात मंजिल की इमारत बनाई जा रही है, जबकि शवगृह के लिए एक मंजिल की एक इमारत बन रही है। वजनदार मशीनों को रखने की व्यवस्था इमारतों के बेसमेंट सेक्शन में की जाएगी।
नासिक की कंपनी को मिला है ठेका
उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के निर्माण की जिम्मेदारी नासिक के हर्ष कंस्ट्रक्शन को दी गई है, जिसे १८ महीनों में पूरा करने की समयसीमा दी गई है। फिलहाल इमारत का कुल तीन फीसदी ही काम पूरा हुआ है, जबकि सिंगल वर्क ७-८ फीसदी पूरा हुआ है। महाविकास आघाड़ी सरकार ने दी थी मंजूरी
ठाणे, रायगड और पालघर के लाखों गरीब मरीज इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित जिला सिविल अस्पताल पर निर्भर हैं। इन जिलों की बढ़ती आबादी के अनुरूप पुराने अस्पताल समुचित सेवा नहीं दे पा रहे थे। इसे ध्यान में रखते हुए तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने सिविल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने की मंजूरी दी थी। इसके लिए ५२८ करोड़ रुपए की निधि भी मंजूर की गई। सिविल अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी में बदलने का वादा वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणेकरों से किया था।

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