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गृहमंत्री के सामने गिड़गिड़ाए थे शिंदे … ६ महीने का ही सीएम बना दो! …अमित शाह ने बेरहमी से ठुकरा दी थी मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
रूठने-बिफरने और बीमार पड़ने का कोई दांव कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काम नहीं आया। आज भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आजाद मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। चुनाव नतीजों में बहुमत पाने के बाद महायुति को अपना सीएम चुनने में १० दिनों का वक्त लग गया। इसी से समझा जा सकता है कि महायुति में सीएम पद की खींचतान कितनी जबरदस्त तरीके से चल रही थी। शिंदे कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। हालत यह थी कि जब दिल्ली में गत २८ नवंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर पर बैठक हुई तो शिंदे वहां अमित शाह के सामने गिड़गिड़ाए कि उन्हें कम से कम ६ महीने तक सीएम बने रहने दिया जाए। मगर अमित शाह ने बड़ी बेरहमी से शिंदे की मांग को ठुकरा दिया था।
बता दें कि मुंबई में मामला नहीं सुलझने के बाद गत २८ तारीख को एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा नेतृत्व से मुलाकात की थी। बैठक में उनके साथ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस, दादा गुट से खुद अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे भी मौजूद थे।

शिंदे का हर दांव हुआ फेल!
-देर रात तक रूठने-मनाने का सिलसिला रहा जारी

शिंदे ने विधानसभा चुनाव से पहले के एक कथित वादे को याद दिलाया, जिसमें कहा गया था कि अगर बहुमत मिलता है तो वही मुख्यमंत्री रहेंगे। मगर भाजपा ने कहा कि पार्टी ने लगभग बहुमत हासिल कर लिया है। ऐसे में सीएम पद देना गलत है।

देवेंद्र फडणवीस आज सीएम पद की शपथ ले रहे हैं। एकनाथ शिंदे खुद सीएम बनना चाह रहे थे और इसके लिए उन्होंने एड़ी-चोटी का जोर लगाया था, पर उनका हर दांव फेल हो गया। कल देवेंद्र फडणवीस को नए मुख्यमंत्री के रूप में चुन लिया गया मगर इसके बाद भी देर रात तक शिंदे के रूठने-मनाने का सिलसिला चलता रहा।
बता दें कि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से आई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि भाजपा नेतृत्व के सामने एकनाथ शिंदे ने छह महीने के लिए सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि अगर पूरे कार्यकाल सीएम पद देना संभव नहीं है तो शुरुआती छह महीने तक यह पद दिया जाए। अमित शाह ने बातचीत के दौरान ही शिंदे के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे गलत मिसाल कायम होगी। यह गलत निर्णय होगा और इसका प्रशासन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। भाजपा नेतृत्व ने कहा कि छह महीने के लिए सीएम नियुक्त करने की कोई व्यवस्था नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, शिंदे ने विधानसभा चुनाव से पहले के एक कथित वादे को याद दिलाया, जिसमें कहा गया था कि अगर बहुमत मिलता है तो वही मुख्यमंत्री रहेंगे। मगर भाजपा ने कहा कि पार्टी ने लगभग बहुमत हासिल कर लिया है। ऐसे में सीएम पद देना गलत है।

जवाब सुनकर शिंदे हो गए अवाक
भाजपा नेता के अनुसार, एकनाथ शिंदे से कहा गया कि वह अपने आपको भाजपा अध्यक्ष की जगह पर रख कर देखें। इसके बाद भाजपा नेतृत्व ने कहा कि अगर आपको स्पष्ट बहुमत मिला होता तो क्या सीएम पद छोड़ देते? भाजपा का यह जवाब सुनकर शिंदे बिल्कुल अवाक रह गए। बता दें कि दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से मुलाकात के अगले दिन ही एकनाथ शिंदे सातारा जिले में स्थित अपने पैतृक गांव चले गए थे। तब उनके गुट के नेताओं ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था। वहां से लौटने के बाद वह ठाणे पहुंचे। ठाणे के एक अस्पताल में जांच के बाद शिंदे मंगलवार को मुबंई स्थित अपने आवास पहुंचे। यहां भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से उनकी करीब आधे घंटे तक मुलाकात हुई थी।

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