– लोग पूछ रहे हैं सवाल
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही जंग आखिरकार एकनाथ शिंदे के बयान के बाद समाप्त हो चुकी है। एकनाथ शिंदे ने प्रेस काॅन्फ्रेंस करके स्पष्ट कर दिया कि उन्हें सीएम पद की कोई लालसा नहीं है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जो भी निर्णय लेंगे, वो उन्हें मंजूर होगा। एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद साफ हो चुका है कि अब महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर वो क्या वजह है कि एकनाथ शिंदे बैकफुट पर आ गए और मुख्यमंत्री पद छोड़ने का पैâसला लिया। अगर ऐसा ही करना था तो चुनाव परिणाम आने के चार दिनों बाद तक एकनाथ शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने की जिद करते हुए हाई वोल्टेज ड्रामा क्यों किया जा रहा था? बता दें एकनाथ शिंदे ने न केवल सीएम पद छोड़ा, बल्कि प्रेस काॅन्फ्रेंस में पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की और कहा कि वो हमारे पीछे पहाड़ की तरह खड़े रहे और हमारी मदद की। महाराष्ट्र में महायुति सरकार और अपने सफल सीएम कार्यकाल का श्रेय भी केंद्रीय नेतृत्व को दिया।
एकनाथ शिंदे के बदले हुए सुर और सीएम पद की जिद से पीछे हटने का प्रमुख कारण उनका सांसद बेटा श्रीकांत शिंदे माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे ने बेटे श्रीकांत शिंदे को देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम नियुक्त करने की डिमांड रखी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद से उपमुख्यमंत्री पद डिमोशन नहीं चाहते हैं इसलिए एकनाथ शिंदे ने कहा है कि अगर उनकी बेटे श्रीकांत शिंदे को डिप्टी सीएम बनाने की मांग पूरी हुई तो वह खुद सरकार से बाहर रहने को तैयार हैं। ये भी दावा किया जा रहा है कि शिंदे की इस डिमांड को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मान लिया है।