विस्तार होगा, विस्तार होगा, ऐसा कहा जा रहा है। मंत्रिमंडल के विस्तार का विमान दिल्ली जाता है लेकिन विस्तार का नाम नहीं लिया जाता। मंत्री बनाने का केवल गाजर देकर रखा है। विस्तार होगा ही नहीं, यह लिख लें। विस्तार होने के लिए जो समय लगता है, वह इस सरकार के पास नहीं है।
सामना संवाददाता / नासिक
सरकार में जो बैठे हुए हैं, वे खुद के लिए रोजगार की तलाश कर रहे हैं। खुद के लिए दिल्ली जा रहे हैं। खुद के लिए सूरत जा रहे हैं। खुद के लिए गुवाहाटी जा रहे हैं। पेड़, पहाड़ देखकर आ रहे हैं, लेकिन लोगों के लिए उन्हें कुछ मांगते हुए आपने सुना है क्या? महाराष्ट्र की सरकार असंवैधानिक है, यह गिरेगी मतलब गिरेगी ही, यह आप लिख लें, ऐसे शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता, विधायक एवं युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने ‘मिंधे’ सरकार पर जोरदार हमला बोला। ये सरकार महाराष्ट्र की है या दिल्लीश्वरों की, ऐसा आक्रोशित सवाल भी उन्होंने इस दौरान किया। ‘शिवसंवाद यात्रा’ के सातवें चरण की शुरुआत नासिक के इगतपुरी तहसील स्थित मुंढे गांव से शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में सोमवार को हुई। वंजारवाड़ी, नाणेगांव, लहवीत, नांदुर, मालेगांव, पलसे सहित जगह-जगह उनका शिवसैनिकों ने उत्साहपूर्ण स्वागत किया। मुंढे गांव और पलसे में आदित्य ठाकरे ने नागरिकों से उनकी समस्याएं समझीं।
राज्य में पांच बड़े उद्योग आनेवाले थे, वे गुजरात क्यों गए, किसानों को जरूरी मदद क्यों नहीं मिली, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के तबादले के लिए ४० लोग किसके दम पर पैसे मांग रहे हैं? इन सवालों का जवाब इस सरकार से महाराष्ट्र मांग रहा है। हमें कोई पकड़ नहीं सकता, कुछ नहीं होगा, ऐसा उन्हें लगता है, लेकिन जब आघाड़ी की सरकार आएगी, तब इन सभी मामलों की जांच किए बिना नहीं रहेंगे, ऐसी चेतावनी शिवसेना नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने दी। ‘शिवसंवाद यात्रा’ के सातवें चरण में मुंढे गांव और पलसे में वे लोगों को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार में महिला, किसान, युवाओं की आवाज सुननेवाला एक भी मंत्री नहीं। महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, महंगाई, बेरोजगारी, किसान इन सभी समस्याओं की अनदेखी हुई है। यह सरकार कितने समय तक टिकेगी, यह एकमात्र महत्वपूर्ण विषय राज्य में चल रहा है। इसलिए इस गंभीर परिस्थिति की तस्वीर बदलने के लिए एकजुटता बनाए रखते हुए विधानसभा पर फिर से भगवा लहराने की तैयारी में लग जाओ, ऐसा आह्वान आदित्य ठाकरे ने किया।
उन्होंने कहा कि शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में हमने जमीनी स्तर से जुड़ी समस्याएं सुलझाने को प्राथमिकता दी। इगतपुरी, त्र्यंबकेश्वर निर्वाचन क्षेत्र सहित जगह-जगह अति दुर्लभ क्षेत्रों में जहां-जहां सड़क-पानी की व्यवस्था नहीं थी, वहां प्रत्यक्ष जाकर वह सुविधाएं उपलब्ध कराई। अभी भी कई क्षेत्रों में गंभीर समस्याएं बरकरार हैं। आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में साढ़े ६ लाख करोड़ का निवेश लाया गया। वे उद्योग अब स्थापित हो रहे हैं। वहां ८० फीसदी भूमिपुत्रों को रोजगार उपलब्ध कराना, उस दौरान अनिवार्य किया गया था। वर्तमान सरकार में बैठे केवल खुद के लिए ही रोजगार तलाश रहे हैं, ऐसा तंज भी उन्होंने सरकार में बैठे लोगों पर कसा।
पक्का है, हिला दिया!
आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को वरली विधानसभा से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। इस बारे में मीडिया द्वारा पूछने पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि मेरे बयान पर बहुत कुछ चर्चा हुई। सोशल मीडिया पर भी यही विषय था। यह पक्का है, हिला दिया! इतने लोगों को आगे करने की बजाय उन्होंने खुद ही कह दिया होता कि लड़ने की हिम्मत नहीं तो भी चल जाता। इसके लिए भाजपा और उनकी सोशल मीडिया को सक्रिय करने की क्या जरूरत थी, ऐसा तंज भी उन्होंने कसा।
एक व्यक्ति की राक्षसी महत्वाकांक्षा के चलते राज्य पीछे जा रहा है
मुख्यमंत्री दाओस गए, इस पर ४० करोड़ रुपए खर्च हुए लेकिन उद्योग कितना लाए, यह वे नहीं बता सकते। अतिवृष्टि, नष्ट फसलों का मुआवजा किसानों को नहीं मिला है। बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, इसकी अनदेखी की जा रही है। यह सरकार जनता की आवाज नहीं सुन रही है। विकास की केवल घोषणाएं हो रही हैं, प्रत्यक्ष काम नहीं हो रहे हैं। ५० खोके और एकदम ओके यही हर तरफ सुनाई दे रहा है। इस सरकार का केवल खोके और ओके इतना ही शुरू है। एक व्यक्ति की राक्षसी महत्वकांक्षा के चलते राज्य पीछे जा रहा है, ऐसा कटाक्ष भी आदित्य ठाकरे ने ‘मिंधे’ सरकार पर किया।
इस दौरान जिलाप्रमुख विजय करंजकर, पूर्व विधायक निर्मला गावित के भी भाषण हुए। इस दौरे में विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे भी शामिल हुए हैं। सह संपर्कप्रमुख दत्ता गायकवाड़, पूर्व विधायक योगेश घोलप, राजाभाऊ वाजे, उपजिलाप्रमुख निवृत्ति जाधव, भगवान आडोले, महानगरप्रमुख सुधाकर बड़गुजर, विलास शिंदे, राजेंद्र नाठे, मुंढे गांव की सरपंच मंगला गतीर, विनायक गतीर, कावजी ठाकरे, जगन आगले, दीपक खुले, प्रकाश म्हस्के, राहुल धात्रक, दीपक गायधनी सहित पदाधिकारी एवं शिवसैनिक उपस्थित थे।
जिंदाल कंपनी का अगले महीने में दौरा करें
मुंढे गांव के जिंदाल कंपनी में हुई दुर्घटना की सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए अगले महीने प्रत्यक्ष दौरा करें। स्थानीय लोगों को रोजगार देने सहित सुरक्षा को लेकर क्या उपाय योजनाएं की गई हैं, इसकी जानकारी लें, ऐसा आदित्य ने विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे से कहा।
मंत्रिमंडल विस्तार होगा ही नहीं
विस्तार होगा, विस्तार होगा, ऐसा कहा जा रहा है। मंत्रिमंडल के विस्तार का विमान दिल्ली जाता है लेकिन विस्तार का नाम नहीं लिया जाता। मंत्री बनाने का केवल गाजर देकर रखा है। विस्तार होगा ही नहीं, यह लिख लें। विस्तार होने के लिए जो समय लगता है, वह इस सरकार के पास नहीं है। ये अल्पायु की सरकार गिरेगी मतलब गिरेगी ही और फिर एक बार महाविकास आघाड़ी की सरकार महाराष्ट्र में आएगी, ऐसा विश्वास आदित्य ठाकरे ने व्यक्त किया।
गद्दार सरकार की मदद होर्डिंग तक ही
महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा की गई कर्जमाफी की मदद किसानों तक पहुंची। इस गद्दार सरकार की मदद भी सिर्फ होर्डिंग तक ही रही, ऐसी टिप्पणी भी आदित्य ठाकरे ने की। राज्य की मौजूदा तस्वीर अस्थायी है फिर भी भयानक है। इन्हें एक भी महिला विधायक मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए नहीं मिली। महिला अत्याचार बढ़ रहा है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, महंगाई-बेरोजगारी बढ़ रही है। ऐसे में मंत्रिमंडल में जनता की आवाज सुननेवाला एक भी मंत्री नहीं है। मंत्रियों में आपसी झगड़े शुरू हैं।