-मशाल गीत से ‘जय भवानी’ नहीं हटाएंगे
-चुनाव आयोग के फतवे पर उद्धव ठाकरे का प्रहार
सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना के मशाल गीत से हिंदू धर्म और ‘जय भवानी’ शब्द निकालने के लिए चुनाव आयोग के फतवे पर शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल जोरदार प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भवानी माता महाराष्ट्र की कुलस्वामिनी हैं। उनका अपमान महाराष्ट्र का अपमान है। शिवसेना इसे कदापि सहन नहीं करेगी। इसके साथ ही मोदी और शाह पर बरसते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बजरंगबली और प्रभु श्रीराम के नाम पर खुलकर वोट मांग रहे हैं, यह चलता है क्या? उनके ऊपर कार्रवाई करो, ऐसी मांग करते हुए उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि तानाशाही के सामने शिवसेना झुकेगी नहीं और मशाल गीत से ‘जय भवानी’ नहीं निकालेंगे।
हिंदू तुम्हारा धर्म’ यह कहना अयोग्य क्यों है? जैसे भाजपा वोट मांगती है ‘भगवान के नाम पर दे दो बाबा’, इस तरह हमने वोट कभी नहीं मांगा।’
हम भी रामभक्त हैं, हम भी हनुमान भक्त हैं। मां तुलजा भवानी भी महाराष्ट्र की कुलदेवी हैं। ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ और ‘हर हर महादेव’ हम बोलेंगे ही।’
हमने धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगा!…उद्धव ठाकरे की चुनाव आयोग को दो टूक
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने प्रचार के लिए एक प्रेरणा गीत हाल ही में जारी किया है। उस गीत में दो शब्द हटाने के लिए चुनाव आयोग ने शिवसेना को नोटिस भेजा है। उस पर शिवसेना ने चुनाव आयोग को चेताया है। कल ‘मातोश्री’ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगा है। हिंदू शब्द को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है। साथ ही ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ महाराष्ट्र का जयघोष है इसलिए इस प्रेरणा गीत से ये शब्द किसी भी परिस्थिति में नहीं हटाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि हम पर कार्रवाई करनी है तो पहले धर्म के नाम पर प्रचार करनेवाले नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर कार्रवाई करो।
हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए। उसमें प्रचार के समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया था कि भाजपा को वोट देनेवालों को अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन मुफ्त में कराया जाएगा। इसे लेकर सामने आए वीडियो का उल्लेख करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे पर हिंदुत्व का प्रचार करने का ठप्पा लगाते हुए उन्हें वोटिंग के अधिकार से वंचित कर दिया गया था। इसके साथ ही छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था। उस पृष्ठभूमि पर हमने चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या उन्होंने चुनाव के नियमों में कोई बदलाव किए हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह खुलेआम धार्मिक प्रचार कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि जय बजरंगबली बोल के बटन दबाना। इसे लेकर भी हमने पूछा था। साथ ही स्मरण पत्र देने के बाद भी चुनाव आयोग की तरफ से किसी तरह का कोई भी जवाब नहीं आया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इसे लेकर जवाब नहीं दिया। हमने चुनाव आयोग से कहा था कि ऐसे में नियम बदल गया है, ऐसा समझकर हम चुनाव प्रचार करते हैं तो कार्रवाई न करें, नहीं तो इस तरह का प्रचार करने पर उनके ऊपर किस तरह की कार्रवाई की गई, इसे स्पष्ट करें। फिर भी चुनाव आयोग की तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिला है। अब हमारा चुनाव चिह्न बदल गया है। मशाल हमारा चुनाव चिह्न है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब जो शासक हैं, उनके आदेश के तहत चुनाव आयोग काम कर रहा है। अब वे ही बताएं कि क्या हिंदू शब्द निकालना उचित है? इस तरह का सवाल भी उन्होंने किया। हम हिंदू धर्म के आधार पर वोट नहीं मांग रहे हैं। शासकों की नौकरी करनेवाले चुनाव आयोग को इस बात का ख्याल होना चाहिए। हमारे दिखाए गए वीडियो में प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि बजरंगबली की जय बोल कर बटन दबाना, अमित शाह कह रहे हैं कि हमें वोट दो हम रामलला के दर्शन मुफ्त में कराएंगे। मैं भी राम और हनुमान का भक्त हूं। मां तुलजा भवानी महाराष्ट्र की कुल देवी हैं। तुलजा भवानी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को आशीर्वाद दिया था। उनके द्वारा दी गई भवानी तलवार की घटना हर किसी के दिल में बस गई है। लोग कई वर्षों से ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ का नारा लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए ये शब्द लोगों के दिलों में हैं।
जनता को किया जा रहा गुमराह
उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव का पहला चरण पूरा हुआ है। अगले चरण में चुनाव प्रचार अब गति पकड़ रहा है। अब हम बुलढाणा जा रहे हैं और विदर्भ, मराठवाड़ा में हमारा प्रचार दौरा होगा। उन्होंने कहा कि प्रचार में मूल मुद्दा एक तरफ होने की संभावना है। पिछले १० वर्षों में सत्ता में रहते हुए मोदी सरकार ने क्या किया, इस महत्वपूर्ण मुद्दों को दरकिनार किया जा रहा है। इस मुद्दे की अनदेखी करते हुए अन्य मुद्दों को महत्व देते हुए जनता को गुमराह किया जा रहा है।