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जालौन में मंदिर से शिवलिंग गायब!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

जालौन जिले में कालपी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जयरामपुर में अराजक युवक ने प्राचीन शिव मंदिर से शिवलिंग उखाड़ कर गायब कर दिया। मामले की सूचना पर पहुंचे हिूंद संगठन के सदस्यों ने घटना पर विरोध जताया, तो पुलिस सक्रिय हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कदौरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत धमना के मजरा जयरामपुर में गांव की बस्ती की बीच प्राचीन शिव मंदिर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना 1962 में ग्राम निवासी अगनू यादव के द्वारा की गई थी। यहां प्रतिदिन हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले ग्रामीण पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। मंदिर की देखभाल और प्रतिदिन पूजा रघुराज सिंह यादव करते हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार वह मंदिर की सफाई करने गया, तो देखा शिवलिंग गायब है। इसकी जानकारी उसने परिजनो और ग्रामीणों को दी थी। मंदिर से शिवलिंग गायब होने की जानकारी पर ग्रामीण हक्के-बक्के रह गए और आनन-फानन मामले की जानकारी कोतवाली पुलिस को दी गई थी। इस बीच मंदिर से शिवलिंग गायब होने की जानकारी हिंदू संगठनों को भी लग गई थी। हिंदू जागरण मंच के नीलाभ शुक्ला और दीपक शर्मा कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे और घटना पर आक्रोश जाहिर किया था। सूचना पर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कामता प्रसाद और ज्ञान भारती पुलिस चौकी प्रभारी अभिषेक सिंह भी मौके पर पहुंचे।
हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह यह इस घटना घटित करने वाले आरोपित राजाबाबू की अविलंब गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इस बीच मौके पर क्षेत्राअधिकारी डॉ. देवेंद्र पचौरी भी पहुंच गए और आक्रोशित ग्रामीणों व हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि इस मामले में आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। सीओ के आश्वासन के बाद मामला शांत हो सका।
ग्रामीणों की मानें, तो गांव में इस घटना मे शामिल राजाबाबू पुत्र सीताराम आदि का आतंक है। कोई विरोध करे, तो दलित उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने की धमकी देते हैं। इससे वह कुछ भी नहीं कह पाते थे और इसी के चलते मंदिर के चबूतरे पर जुआ और शराब का दौर चलता रहता था और बुधवार रात में भी वह मंदिर पर मौजूद था।
जयरामपुर में शिवमंदिर से शिवलिंग गायब होने का मामला क्षेत्र में कोई नया नहीं है, बल्कि अक्सर ही ऐसे मामले प्रकाश में आते रहते हैं। वर्ष 2018 में पड़ोसी गांव काशीरामपुर गांव में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा के साथ अभद्र व्यवहार हुआ था, जिसमें काफी बवाल भी हुआ था। इसमें पुलिस पर भी हमला हुआ था और तत्कालीन सीओ सुबोध गौतम गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दीपावली के पहले हैदरीपुरा में भी देवी मंदिर में तोड़-फोड़ हुई थी। इसके साथ ही मंगरौल आदि गांवों में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश हो चुकी है।सीओ डॉ. देवेंद्र पचौरी के अनुसार इस मामले में हिंदू जागरण मंच के नीलाभ शुक्ला और बजरंग दल के दीपक शर्मा ने आरोपी राजाबाबू के खिलाफ शिवलिंग उखाड़ कर गायब करने तथा लोगों की धार्मिक भावनाओं को भटकाने का आरोप लगाया है।

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