• कंपनियों के देसी कलपुर्जे नियम उल्लंघन का खामियाजा
• सात कंपनियों के ग्राहकों पर गिर सकती है गाज
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दोपहिया ‘ईवी’ मालिकों को बड़ा झटका लगनेवाला है। उन्हें ‘ईवी’ की खरीद में जो सब्सिडी मिली थी, उसे उन्हें वापस करना पड़ सकता है। ‘ईवी’ निर्माताओं के एक समूह को एमएचआई (मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज) ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसमें ग्राहक को कम कीमत पर बेचे गए वाहनों की सब्सिडी के पैसे वापस करने के लिए उनसे संपर्क करने को कहा गया है। इस प्रस्ताव में हीरो इलेक्ट्रिक, बेनलिंग और एम्मो मोबिलिटी समेत सात कंपनियां शामिल हैं।
दरअसल, नियमानुसार सरकार ने उन वाहनों पर सब्सिडी देना तय किया था, जिनमें देसी कलपुर्जे लगने थे। पर इन कंपनियों ने इस नियम का उल्लंघन कर विदेशी कलपुर्जों का आयात कर उसका इस्तेमाल किया। जांच में पकड़े जाने के बाद इन कंपनियों पर सब्सिडी वापसी का दबाव पड़ा है। अब कंपनियां चाहती हैं कि वापसी की ये रकम ग्राहकों से वसूली जाए।
४६९ करोड़ रुपए का जुर्माना
नियमों के मानदंडों का उल्लंघन करने वाली सातों कंपनियों पर एमएचआई ने करीब ४६९ करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। मंत्रालय ने एआरएआई और आईसीएटी जैसी वेहीकल टेस्टिंग एजेंसियों को इन कंपनियों द्वारा वाहनों में इस्तेमाल किए जाने वाले कलपुर्जों की सोर्सिंग की जांच करने को कहा था। जांच में पाया गया कि इन सात कंपनियों ने आयातित कलपुर्जों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है जो कि नियम का खुला उल्लंघन था।