अनिल मिश्रा / अंबरनाथ
एक तरफ मोदी सरकार नए रोजगार उपलब्ध नही पा रही हैं, दूसरी तरफ जो लोग मेहनत करके किसी तरह अपने परिवार की परवरिश कर रहे हैं, उनका भी रोजगार छीनने में रेलवे प्रशासन लगा है। हैरानी की बात तो ये है कि रोजगार छीनने की वजह पूछने या न्याय के लिए भूख हड़ताल का निवेदन देने पर जीआरपी, आरपीएफ की ओर से नोटिस देकर जेल भेजने की धमकी दी जाती है। रेलवे के इस रवैए के कारण पेपर, खाद्य पदार्थों के स्टाल के अलावा स्टेशन पर रेल यात्रियों के शूज को चमकाने वाले सैकड़ों लोगों का आक्रोश केंद्र सरकार के साथ ही रेलवे प्रशासन प्रति बढ़ रहा हैं।
भीमा शूज शाइन वर्कर कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के अध्यक्ष उमेश राम ने बताया कि उनकी पंजीकृत सोसायटी ने मध्य रेलवे के टेंडर के लिए १५ लाख रुपए डिपॉजिट के तौर पर भरा। इसी बीच अवैध धुतिया बूट पॉलिश सहकारी सोसायटी संस्था ने रेलवे से शिकायत की। इसके बाद रेलवे जिला निबंधक ठाणे द्वारा खुलासा पत्र देने के बावजूद रेलवे ने ८० बीमा सोसायटी के लोगों को स्टेशन पर पॉलिश करने से रोक लगा दी है। एक फरवरी २०२४ से ८० कामगार बेरोजगारी के चलते भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। जब लोगों ने आंदोलन करने की धमकी दी तो उनके पीछे रेलवे पुलिस व आरपीएफ विभाग को लगाया जाता है। भूखे बेरोजगारों को जेल में डालने की धमकी दी जाती है। बताया गया कि ये शूज पॉलिश वाले कामगार स्टेशन पर एक कोने में बैठकर पॉलिश करने का १५० रुपए प्रतिदिन का रेलवे को भाड़ा देते थे। आज काम के अभाव में बेरोजगार वर्कर गांव चले गए हैं। इसके अलावा सोसायटी द्वारा जमा की गई डिपॉजिट राशि भी रेलवे वापस नहीं कर रही है।
इसी प्रकार रेलवे स्टेशन के पेपर स्टॉल, खाद्य स्टॉल के भाड़े में भारी बढ़ोतरी करने के कारण भाड़ा भरने में असमर्थ लोगो की हकाल पट्टी कर दी गई है। एक स्टाल संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोरोना काल के चलते उनका बुरा हाल हो गया। मोदी सरकार बंद को बढ़ाते चली गई। ऐसी विपरीत परिस्थिति में रेलवे को भाड़ा वैâसे भरें? सरकार द्वारा रेलवे के स्टाल वालों को किसी भी तरह की छूट, सहायता नहीं दी गई। आज मध्य रेलवे के स्टेशन से हजारों स्टाल को बंद कर दिए गए हैं। मध्य रेलवे के स्टाल, शूज पॉलिश जैसे विभाग की देख-रेख करने वाले बिपिन कुमार से उनके मोबाइल ९७०९७०६६५७ पर फोन कर प्रतीक्रिया के लिए कई बार फोन किया गया, पर उन्होंने फोन को रिसीव नहीं किया गया।मर्पण का उदाहरण प्रस्तुत करती है।