- अमिताभ श्रीवास्तव
दिव्यांगों के इशारे पर नाचेगा रोबोट
हिंदुस्थान भी तकनीकी मामले में दुनिया का अव्वल नाम है। यहां के वैज्ञानिक भी नित नए अविष्कार करते हुए अपने देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं। अब देखिए न एक ऐसे रोबोट को बनाया गया है जो दिव्यांगों के इशारे पर नाचेगा। /यानी काम करेगा। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में कंट्रोलिंग मल्टीपल रोबोट यूजिंग हैंड जेस्चर तकनीक बनाई गई है। इसमें दोनों हाथों की उंगलियों से रोबोट को चलाया जाएगा। रोबोट न केवल उंगलियों के इशारे पर चलेंगे, बल्कि विभिन्न कामों को भी अंजाम देंगे। इस तकनीक का सबसे ज्यादा फायदा दिव्यांगों को होगा। फिलहाल, इस तकनीक का शोध पत्र प्रकाशित होने वाला है। पीएचडी स्कॉलर अभिषेक कौशल ने बताया कि बल्ब की रोशनी कम-ज्यादा करने से लेकर टीवी का वॉल्यूम बढ़ाने घटाने और पंखा और एसी कम तेज करने का काम भी हाथों की उंगलियों से आने वाले दिनों में किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस पर भी काम कर रहे हैं। यह तकनीक कंप्यूटर विजन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार की गयी है। इसमें दाहिने हाथ की उंगलियों से यदि एक से अधिक रोबोट रहेंगे तो उन्हें चयनित किया जाएगा। मसलन, अंगूठे पर जिस रोबोट की जानकारी दर्ज रहेगी वह ऑन हो जाएगा।
यूट्यूबर ने दी नौकरानी को सबसे महंगी कार
आजकल जमाना इंटरनेट का है। यूट्यूब पर लोगों के चैनल्स का है और यह मार्केट इतना बड़ा है कि यहां कई यूट्यूबर्स लाखों-करो़ड़ों के वारे-न्यारे करते हैं। दरअसल, व्यूज पर सब्सक्राइबर पर ही धंधा चलता है। अब देखिए न एक यूट्यूबर मिस्टर बेस्ट को इंस्टाग्राम पर उनके नए वायरल वीडियो पर कई प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, जिसमें उन्होंने एक रेस्तरां में एक वेट्रेस को अपने व्यावसायिक उपक्रमों को बढ़ावा देने वाले लोगो के साथ एक नई कार गिफ्ट में देने का दावा किया है। जी हां, १३९ मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ मिस्टर बीस्ट, जिनका असली नाम जिमी डोनाल्डसन है, दुनिया में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले यूट्यूबर हैं। उन्होंने अपलोड किए गए ४२-सेकंड के वीडियो में एमी नाम की एक वेट्रेस को अब तक की सबसे बड़ी टिप देने के बारे में बातचीत की। जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें अब तक मिली सबसे बड़ी टिप ५० डॉलर थी। जैसे ही उसने उसे एक काले टोयोटा कार की चाबी सौंपी, डोनाल्डसन ने फिर से पूछा। क्या किसी ने कभी कार की टिप दी है? मिस्टर बीस्ट ने फिर उससे पूछा कि उसे नई कार में लाने से पहले वह उसे देने जा रहा है। उनकी चॉकलेट कंपनी का फेस्टेबल लोगो कार के किनारे पर बना है।
धो लो तौलिया
तौलिया रोजमर्या काम में आने वाली चीज है और अकसर हम इसे इस्तमाल के बाद भी कई कई दिनों तक इस्तमाल करते रहते हैं। आज उवाच में तौलिए को लेकर ही बात की जाए क्योंकि ये जरूरी बात है और आपकी सेहत से जुडी है। आप जानते ही हैं कि तौलिये से शरीर पोंछने पर उसके रेशों में कुछ बैक्टीरिया चिपक जाते हैं। जिसके बाद तौलिये में मौजूद नमी के कारण कीटाणुओं को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है। ऐसे में अगर आप तौलिए को बिना धोए और सुखाए बार-बार इस्तेमाल करते हैं तो इससे बैक्टीरिया आपकी त्वचा और नाक के रास्ते शरीर में पहुंचकर आपको बीमार भी कर सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, ज्यादा से ज्यादा तीन के बार इस्तेमाल के बाद आपको अपना तौलिया धोकर सुखा देना चाहिए। यानी अगर आप दिन में एक बार नहाते हैं तो तीसरे दिन इस्तेमाल करने के बाद अपने तौलिए को धो दें। बिना धोए गंदा तौलिया बार-बार इस्तेमाल करने से त्वचा रोग और एक्ने जैसी समस्या भी हो सकती है। यही नहीं, गंदा तौलिया इस्तेमाल करने से आप एक्जिमा, दाद या रैशेस जैसे गंभीर त्वचा रोगों का शिकार भी बन सकते हैं। कुल मिलाकर हमें अपने तौलिये को हफ्ते में कम से कम दो बार जरूर धोना चाहिए।
जल्द अमर हो जाओगे
शीर्षक पढ़कर पूरी जानकारी भी पढ़ने की उत्सुकता हो जाएगी। होनी भी चाहिए क्योंकि जल्दी अमर होने की जो बात है। जी हां, एक वैज्ञानिक ने यह दावा करके सबको चौंका दिया है कि इंसान जल्द ही अमर भी हो सकता है। भविष्यवादी और कंप्यूटर वैज्ञानिक रे कुर्जवील ने यह दावा किया है। दावे के मुताबिक, २०३१ तक इंसान अमरता को प्राप्त कर लेगा। वैज्ञानिक का कहना है कि दुनिया में बड़े पैमाने पर तकनीकी परिवर्तन हो रहे हैं। जिनका हमारे जीवन पर बड़ा असर पड़ता है। अपने दावे से सबको चौंकाने वाले रे कुर्जवील का कहना है कि इंसान अमरता के रहस्य से पर्दा हटाने के बेहद करीब है और संभव है कि दस साल के भीतर यह चमत्कार हो भी जाए। रे कुर्जवील ने इससे पहले भी कई ऐसी भविष्यवाणियां की हैं, जो सच साबित हुई हैं। रे कुर्जवील मानते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में इंसान नए-नए कारनामे कर महारत हासिल करने के बेहद करीब है।
लेखक सम सामयिक विषयों के टिप्पणीकर्ता हैं। ३ दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं व दूरदर्शन धारावाहिक तथा डाक्यूमेंट्री लेखन के साथ इनकी तमाम ऑडियो बुक्स भी रिलीज हो चुकी हैं।