अमिताभ श्रीवास्तव
रामचरित मानस की एक चौपाई है मंगल भवन अमंगल हारी…तो यह अब मंगल ग्रह पर संभावित अमंगल होने को हरने की तैयारी है और सब प्रभु कृपा से ही। जी हां, इंसान धरती छोड़ दूसरे ग्रह पर बसने की तमाम कोशिशों में लगा हुआ है। इसके लिए वह मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन से लेकर दूसरे जरूरी चीजों की खोज कर रहा है। इस रेस में अमेरिकी स्पेस एजेंसी सबसे आगे है। दरअसल, इंसान वहीं जीवित रह सकता है, जहां पानी और ऑक्सीजन हो, जबकि मंगल ग्रह पर ये दोनों नहीं हैं, फिर वहां इंसानी बस्ती वैâसे तैयार होगी। क्या उसके लिए मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन तैयार किया जाएगा? खबर आ रही है कि नासा इसकी तैयारी में लग गया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन तैयार करने की जानकारी दी गई है। नासा की वेबसाइट पर लिखे ब्लॉग में बताया गया है कि नासा द्वारा भेजे गए परसिवरेंस रोवर के जरिए ऑक्सीजन पैदा करने का सफल एक्सपेरिमेंट किया गया है। रिपोर्ट की मानें तो मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन तैयार कर लिया गया है।
शेर नहीं हाथी है
मां दुर्गा की सवारी
आप चौंक जाएंगे यह सुनकर कि मां दुर्गा की सवारी तो शेर होती है, मगर कोई कहे शेर नहीं हाथी होती है तो? यह हैरान करने वाली बात होगी पर यह सच है। दरअसल, ऐसी मान्यता है कि जब नवरात्र में मां का आगमन होता है तो उनकी सवारी बदल जाती है। माता का आगमन किस दिन हो रहा है उस पर उनकी सवारी निर्भर रहती है और विदा के वक्त भी उनकी सवारी दूसरी हो जाती है। इस बार शारदीय नवरात्र रविवार से प्रारंभ होने वाला है तो रविवार के दिन माता की सवारी शेर नहीं बल्कि हाथी की होती है। माना यह भी जाता है कि जब माता हाथी पर विराज कर आती हैं तो अधिक वर्षा होने का भी यह संकेत है। शास्त्रों में सोमवार और रविवार माता की सवारी हाथी पर होती है। मंगल या शनिवार उस दिन यदि पड़े तो माता घोड़े पर बैठकर आती हैं। इसी तरह गुरुवार या शुक्रवार हो तो माता डोली पर आती हैं। बुधवार नाव की सवारी शुभ मानी गई है। ये सब मान्यताएं हैं, किंतु हमारे देश के उत्सवों की यही तो विविधताएं हैं जो पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोए रखती हैं।
ये स्क्रब टाइफस क्या है?
इन दिनों ये स्क्रब टाइफस शब्द बड़ा चर्चा में है। दरअसल, ओडिशा में स्क्रब टाइफस इंफेक्शन से ६ मौतों के बाद दहशत पैâल गई है। सभी इस अजीब से संक्रमण को लेकर चिंतित हैं। ये एक ऐसी बीमारी है, जो हाल के दिनों में दुर्लभ हो गई है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक, स्क्रब टाइफस एक ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है। ये एक रिकेट्सियल रोग है, जो तब होता है जब किसी व्यक्ति को चिगर्स नामक संक्रमित घुन का लार्वा काटता है। ये घुन मेनली झाड़ीदार क्षेत्रों या झाड़ियों में प्रजनन करते हैं, इसलिए इस बीमारी को बुश टाइफस भी कहा जाता है। रिपोर्टों से पता चलता है कि पिछले महीनों में देश के कुछ हिस्सों में हुई भारी बारिश के कारण चिगर्स तेजी से पैâल रहे हैं। एक बार संक्रमित होने पर इस बैक्टीरिया का औसत इनक्यूबेशन पीरियड १०-१२ दिन होता है जिसके अंदर व्यक्ति को लक्षणों का अनुभव होना शुरू हो सकता है। इम्यून डिसऑर्डर वाले लोगों में इस इंफेक्शन के कारण गंभीर लक्षण होने की संभावना ज्यादा होती है।
कुर्की का कहर
कुर्की एक ऐसा प्रावधान, जिसके तहत कानून किसी की संपत्ति पर अस्थायी या स्थायी रूप से कब्जा कर सकता है। यदि इसके कहर की बात करें तो इस खबर से पता चलेगा कि ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जी हां, वाराणसी के ३४ हजार घरों पर इन दिनों कुर्की का संकट मंडरा रहा है। यह एक कहर की तरह होगा। शहर के नगर निगम क्षेत्र के ८ अलग-अलग जोन में जल्द ही निगम प्रशासन यह कार्रवाई शुरू कर सकता है। दरअसल, वाराणसी नगर निगम क्षेत्र में ३४,८२७ ऐसे भवन हैं, जिनका गृहकर सालों से बकाया है। निगम के आंकड़ों के अनुसार, इन भवन स्वामियों पर कुल १०४ करोड़ रुपए बकाया है। इसी बकाए राशि के वसूली के लिए वाराणसी नगर आयुक्त सीपू गिरी ने अधिकारियों को सख्ती के साथ गृहकर वसूली का निर्देश दिया है। अब संपत्ति कर ही तो ऐसा है, जिसके कारण नगरपालिका या परिषद या फिर निगम शहर की व्यवस्था में अपना दायित्व निभा पाता है। जब यही न भरें जाए तो कानूनन यह एक अपराध की श्रेणी में आता है। यह नागरिकों का कर्तव्य भी होता है कि वो प्रतिवर्ष इस कर को अदा करें।
लेखक ३ दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं व सम सामयिक विषयों के टिप्पणीकर्ता हैं। धारावाहिक तथा डॉक्यूमेंट्री लेखन के साथ इनकी तमाम ऑडियो बुक्स भी रिलीज हो चुकी हैं।