मुख्यपृष्ठनए समाचारबाप की उम्र के लोगों का इंटरव्यू ले रहे है श्रीकांत शिंदे...

बाप की उम्र के लोगों का इंटरव्यू ले रहे है श्रीकांत शिंदे …शिंदे गुट के वरिष्ठों में आक्रोश, आज भी हो सकती है बगावत

सामना संवाददाता / मुंंबई
शिवसेना से गद्दारी करने वाले एकनाथ शिंदे के साथ गए वरिष्ठ शिवसैनिक अब सांसद श्रीकांत शिंदे के हाथ का खिलौना बनकर रह गए हैं, जिसके कारण शिंदे के साथ गए वरिष्ठ पदाधिकारी पश्चाताप कर रहे है। बता दें कि कल्याण, अंबरनाथ, उल्हासनगर सहित अन्य क्षेत्र के शिंदे गुट के वरिष्ठ पदाधिकारी सांसद श्रीकांत शिंदे के तानाशाही रवैए से परेशान हो गए हैं। बताया जाता है कि सांसद शिंदे अपने पिता एकनाथ शिंदे से भी अधिक उम्र वाले पदाधिकारियों का इंटरव्यू लेकर नियुक्ति कर रहे है, जिसके कारण वरिष्ठों में आक्रोश व्याप्त है। बताया जाता है कि शिंदे गुट में अब पदाधिकारियों का चयन इंटरव्यू के माध्यम किया जा रहा है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि शिंदे गुट में शामिल जो मुख्यमंत्री से भी उम्र में बड़े है, उनका इंटरव्यू सांसद शिंदे ले रहे हैं, जिसका परिणाम यह हुआ है कि अंबरनाथ में शिंदे गुट के वरिष्ठ लोग पहले ही बगावत करते हुए इंटरव्यू में शामिल नहीं हुए।
इस इंटरव्यू में भी बगावत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। शिंदे गुट के वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब तक पदाधिकारियों की नियुक्ति वरिष्ठता, अनुभव, योग्यता आदि के हिसाब से होती थी। लेकिन अब सांसद शिंदे उन लोगों का इंटरव्यू ले रहे हैं, जो उनके बाप की उम्र से भी बड़े हैं। यह हास्यास्पद है। बता दें कि शिंदे गुट ने उल्हासनगर और अंबरनाथ शहर कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया था। जिसके बाद १८ जुलाई २०२४ को अंबरनाथ में और १९ जुलाई २०२४ को उल्हासनगर में नई कार्यकारिणी की नियुक्ति होनी थी। लेकिन १८ जुलाई को अंबरनाथ में पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सांसद श्रीकांत शिंदे के इंटरव्यू का बहिष्कार किया और चयन पद्धति का विरोध किया, अंतत: शिंदे के पुत्र सांसद श्रीकांत शिंदे को उस दिन अपना बोरिया बिस्तर बिना इंटरव्यू लिए समेटना पड़ा। अंबरनाथ में विरोध के कारण १९ जुलाई को उल्हासनगर में होने वाला इंटरव्यू भी रद्द करना पड़ा। अब आज शिंदे पुत्र श्रीकांत शिंदे इंटरव्यू लेनेवाले हैं। पूरी संभावना है कि आज के इंटरव्यू में भी बगावत होगी। बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद श्रीकांत शिंदे का रवैया पूरी तरह से तानाशाही में तब्दील हो गया है, जिसके कारण पुराने पदाधिकारियों के अलावा नए पदाधिकारियों में भी सांसद शिंदे के प्रति नाराजगी व्याप्त है।

अन्य समाचार

आया वसंत