सायन अस्पताल में सर्वाधिक ७ मरीजों की मौत
मांगे पूरी होने तक पीछे हटने को तैयार नहीं डॉक्टर
सामना संवाददाता / मुंबई
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद गुस्साए महाराष्ट्र में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल सातवें दिन भी जारी रही। रेजिडेंट डॉक्टर इस मांग पर अड़े हुए हैं कि सभी सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए और केंद्रीय स्वास्थ्य देखभाल संरक्षण अधिनियम लागू किया जाए। उनका साफ कहना है मांगे पूरी होने तक हम पीछे नहीं हटेंगे। इस बीच कल भी मुंबई मनपा के अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ाई हुई दिखाई दी। इसके साथ ही इस बीच १७ मरीजों की मौत हुई है।
उल्लेखनीय है कि ९ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में मुंबई में रेजिडेंट डॉक्टर सात दिनों से हड़ताल पर हैं।
मनपा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कल मुंबई के केईएम की ओपीडी में १,६१८, आईपीडी में ४० मरीज पहुंचे, जबकि छोटी-बड़ी ५० सर्जरियां हुर्इं। इस बीच तीन मरीजों की मौत हुई है। सायन अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले रोगियों की संख्या १,०१५ थी। इसी तरह ४७ रोगी भर्ती हुए। यहां कल भी कोई सर्जरी नहीं हुई। हालांकि, इस अस्पताल में सर्वाधिक सात मरीजों की मौत हुई है। नायर अस्पताल की ओपीडी में ६७८ मरीजों का इलाज हुआ, जबकि अस्पताल में २७ मरीज भर्ती हुए। हालांकि, यहां केवल दो ही सर्जरियां हुर्इं, जबकि दो मरीजों की मौत हुई है। कूपर अस्पताल के ओपीडी में १,३२७, जबकि आईपीडी में ३३ मरीज पहुंचे। यहां १३ सर्जरियां हुर्इं, जबकि तीन मरीजों की मौत हुई है।
राखी बांध सुरक्षा की अपील
कल महिला रेजिडेंट डॉक्टरों ने जेजे, केईएम, नायर, सायन आदि अस्पतालों में सुरक्षा रक्षकों, पुरुष डॉक्टरों, डीन, वॉर्ड बॉय और स्वास्थ्यकर्मियों को राखी बांधकर सुरक्षा करने की अपील की। मार्ड ने कहा है कि राखी बांधने का यह कार्य केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह हमारे डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर हिंसक भीड़ के हमले से हमें बचाने के लिए सिस्टम को एक सीधी चुनौती है।