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बहनों को सिलाई मशीन व घरघंटी का इंतजार… स्वावलंबी की बजाय आश्रित बनाने में लगी सरकार

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

राज्य व केंद्र सरकार की कई योजनाओं को उल्हासनगर मनपा प्रशासन पूरा न करते हुए उल्हासनगर के लोगों को केवल लॉलीपॉप दिखा रहा है। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘थेट लाभ हस्तानांतरण’ योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन व घरघंटी (आटा पीसने की चक्की) का वितरण करना शामिल है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए शुरू की गई ‘थेट लाभ हस्तानांतरण’ योजना पर अब तक अमल नहीं हो सका है। इस योजना के इंतजार में हजारों बहनें परेशान हैं।
उल्हासनगर की महिला व बाल कल्याण विभाग के मार्फत पूरे शहर में लोकसभा चुनाव को देखते हुए महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से मुफ्त में सिलाई मशीन व घरघंटी देने की घोषणा की गई। पूरे उल्हासनगर से ७,६७५ महिलाओं ने आवेदन किया था। उसमें से ६,६६२ निवेदन योग्य पाए गए। ६,६६२ में से २,७६० महिलाएं घरघंटी तो ४,९१५ महिलाएं सिलाई मशीन के लिए इच्छुक थीं। ७ मार्च, २०२४ को लॉटरी निकाली गई। उसमें १,५६५ महिलाएं घरघंटी तो १,६३२ महिलाएं सिलाई मशीन के लिए चुनी गईं। १३ मार्च, २०२४ को एसडीओ कार्यालय में मशीन व घरघंटी देने के लिए घोषणा की गई। आज स्थिति यह है कि लोकसभा चुनाव तो बीत गया अब विधानसभा चुनाव आ गया, लेकिन मुख्यमंत्री की ३,१९७ बहनें आए दिन महिला व बाल कल्याण विभाग के चक्कर लगा रही हैं।
उल्हासनगर की महिला व बाल कल्याण विभाग के प्रमुख रितेश रंगारी ने बताया कि यह योजना केंद्र के मार्फत शुरू की गई है। दोनों ही सामग्री देने के लिए शासकीय प्रक्रिया शुरू है। जल्द ही टेंडर निकालकर महिलाओं को घरघंटी व सिलाई मशीन का वितरण किया जाएगा।

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