मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनासीता का वियोग हनुमान से

सीता का वियोग हनुमान से

 

एक संदेशा/छू लो हृदय के
जाकर कहना/मेरे रघुवर से
विलख रही /इक अबला नारी
कब करेंगे/रघु तैयारी

सब दुःखयन में/तुम्हरी सुकुमारी
आंसुअन से जो/नैन है भारी २

दुःख में वियोगिनी/कैसे रहें
जो कटे न दिन/न कटे रैना
हनुमत इतना/संदेश कहना
थमा न है अब/अश्रु का बहना

वट वृक्ष और/दुःख के संग है
जहां दैत विशाल प्रचंड है
हर क्षण है/दैतों के पहरे
जो भोग – विलास है इनके गहरे

इतना कहना/पुत्र हनुमत…
कैसी है ये/होनी लाचारी….

सब दुःखयन में/तुम्हरी सुकुमारी
आंसुअन से जो/नैन है भारी २

मनोज कुमार गोण्डा उत्तर

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