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मणिपुर में हालात आउट ऑफ कंट्रोल … बीरेन सरकार को मैतेई संगठनों ने दिया २४ घंटे का अल्टीमेटम!

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पिछले एक साल से शांति की राह देख रहा मणिपुर आज भी हिंसा की आग में जल रहा है। एक बार फिर यहां के हालात आउट ऑफ कंट्रोल हो गए हैं। जिरीबाम जिले में ३ बंधकों की मौत को लेकर न्याय की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को इंफाल में दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर हमला कर दिया था। जिससे एक बार फिर मणिपुर हिंसा की आग में जल उठा। एक साल बाद भी वहां की स्थिति जस की तस बनी हुई है। यही वजह है कि चारों तरफ मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह और देश के गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की जा रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के बाद अब पी. चिदंबरम ने भी मंगलवार को दोनों के इस्तीफे की मांग की है। इसी के साथ ही कांग्रेस ने यह सवाल भी उठाए हैं कि आखिर मोदी मणिपुर कब जाएंगे और मणिपुर के लोगों की असहनीय पीड़ा आखिर कब खत्म होगी? इसी बीच मैतेई नागरिक समाज संगठनों के एक प्रमुख निकाय ने एनडीए विधायकों की बैठक में पारित प्रस्तावों को खारिज कर दिया, वहीं मैतेई संगठन ने कुकी उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आह्वान कर राज्य की सरकार को २४ घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
मैतेई संगठनों की छात्र संघ मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति के प्रवक्ता खुरैजम अथौबा ने कहा, `उन्होंने जिरीबाम में छह निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने का संकल्प लिया है। हालांकि, हम कह रहे हैं कि अपराध सिर्फ जिरीबाम में ही नहीं बल्कि मई २०२३ से मणिपुर के कई अन्य स्थानों पर भी हुआ है।’ मणिपुर के लोगों ने राज्य सरकार और विधायकों से सभी समूहों की जिम्मेदारी तय करने और उनके खिलाफ अभियान चलाने की मांग की है। छात्र संघ मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति के प्रवक्ता ने कहा, `हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। हम चाहते हैं कि अगले २४ घंटों के भीतर सरकार इस प्रस्ताव की समीक्षा करे और बेहतर प्रस्ताव लेकर आए।’

चौतरफा उठी सीएम-एचएम के इस्तीफे की मांग
मणिपुर के हालात देखते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह और मणिपुर में एऩ बीरेन सिंह की इस्तीफे की मांग तेज हो चुकी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने उनसे इस्तीफे की मांग की है, वहीं एनडीए की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
मोदी जी, मणिपुर कब जाओगे?
मणिपुर में ११ नवंबर को सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गए १० कुकी उग्रवादियों के लिए न्याय की मांग करते हुए कुकी समुदाय लगातार प्रदर्शन कर रहा है। मंगलवार को भी जिरीबाम और चुराचांदपुर जिले में सैकड़ों लोगों ने १० खाली ताबूत लेकर मार्च निकाला। इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि पीएम मोदी को मणिपुर जाना चाहिए। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि पीएम मोदी को राजनीतिक कौशल दिखाना चाहिए। वे जिद छोड़कर मणिपुर जाएं, लोगों से विनम्रता से बात करें और उनकी शिकायतों और आकांक्षाओं को समझें।

मणिपुर के लोगों की असहनीय पीड़ा कब तक?
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट `एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा, `मणिपुर के लोगों की असहनीय पीड़ा, दुख और तकलीफ कब तक यूं ही जारी रहेगी?’

 

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